जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि धर्म और सियासत को अलग नहीं किया जा सकता। उन्होंने पीएम मोदी से अजमेर शरीफ के लिए चादर भेजने की उम्मीद जताई और केंद्र शासित प्रदेशों के हाइब्रिड मॉडल की आलोचना की।
Omar Abdullah News: जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि धर्म को सियासत से अलग नहीं किया जा सकता और यह एक हकीकत है कि धर्म की बुनियाद पर वोट मांगे जाते हैं। उनका यह बयान अजमेर शरीफ दरगाह पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चादर भेजे जाने के संदर्भ में आया। सीएम ने कहा कि हमें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री मोदी दबाव में न आएं और ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के लिए चादर भेजें, जो हर साल मोदी द्वारा भेजी जाती है।
अजमेर शरीफ पर उमर अब्दुल्ला का बयान
उमर अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि अजमेर शरीफ में जितने मुसलमान जाते हैं, उससे ज्यादा गैर-मुसलमान वहां जाते हैं, यह धार्मिक समानता का उदाहरण है। उनका कहना था कि यह अच्छा है कि सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिदों के नीचे मंदिर खोजने के प्रयासों पर रोक लगाई है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस मामले में जो भी फैसला आएगा, वह सभी के लिए लागू होगा।
प्रधानमंत्री मोदी की चादर भेजने की परंपरा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 जनवरी को केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू को चादर सौंपेंगे, जो 813वें उर्स के मौके पर ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती को चढ़ाई जाएगी। प्रधानमंत्री मोदी प्रधानमंत्री बनने के बाद से हर साल यह चादर भेजते आ रहे हैं, जो एक धार्मिक परंपरा बन गई है।
केंद्र शासित प्रदेशों में हाइब्रिड मॉडल पर उमर अब्दुल्ला की प्रतिक्रिया
उमर अब्दुल्ला ने केंद्र शासित प्रदेशों के शासन के हाइब्रिड मॉडल पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि यह मॉडल किसी के लिए फायदेमंद नहीं हो सकता, क्योंकि एक ही केंद्र से शासन बेहतर तरीके से कार्य करता है।
जम्मू कश्मीर में उपराज्यपाल के पास कई संवैधानिक शक्तियां हैं, और यह हाइब्रिड मॉडल उनके लिए समस्याएं उत्पन्न कर सकता है।
राजभवन से मतभेद पर सीएम उमर अब्दुल्ला का बयान
सीएम ने कहा कि जम्मू कश्मीर में शासन के हाइब्रिड मॉडल के कारण कुछ मुद्दों पर मतभेद हो सकते हैं, लेकिन राजभवन के साथ कोई टकराव नहीं हुआ। उन्होंने यह भी कहा कि जब सत्ता के दो केंद्र होते हैं तो शासन की प्रणाली पर असर पड़ता है। सीएम ने कहा कि सरकार के कामकाज को लेकर नियम उचित विचार-विमर्श के बाद तैयार किए जाएंगे और उपराज्यपाल को भेजे जाएंगे।
सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा कि वह नहीं मानते कि लोग राजभवन या स्थानीय अधिकारियों से संवाद नहीं करें। उनका मानना था कि लोगों को हर उस जगह जाना चाहिए जहां उनके मुद्दों का समाधान हो सकता है।