Hyundai Motor India IPO: हुंडई मोटर इंडिया जल्द ही 27,870 करोड़ रुपये जुटाने के लिए अपना आईपीओ लाने वाली है, जो भारत का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ होगा। इससे पहले, एलआईसी ने शेयर बाजार से 21,000 करोड़ रुपये जुटाए थे। हुंडई मोटर इंडिया का यह प्रस्तावित आईपीओ पूरी तरह से "ऑफर फॉर सेल" (OFS) होगा, जिसका मतलब है कि आईपीओ से प्राप्त सारा पैसा कंपनी की पैरेंट कंपनी हुंडई के खाते में जाएगा।
नई दिल्ली: दक्षिण कोरियाई ऑटोमेकर हुंडई (Hyundai) की भारतीय यूनिट- हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड (HMIL) देश का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ लाने के लिए पूरी तरह से तैयार है। कंपनी जल्द ही प्राइस बैंड और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी साझा करेगी। हुंडई का 27,870 करोड़ रुपये का आईपीओ 15 अक्टूबर से सब्सक्रिप्शन के लिए खुलेगा। आइए जानते हैं इस आईपीओ से जुड़ी सभी अहम जानकारियां।
प्राइस बैंड कितना होगा?
हुंडई ने अपने आईपीओ के लिए 1,865-1,960 रुपये प्रति शेयर का प्राइस बैंड तय किया है। यह आईपीओ एलआईसी के 21,000 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड को तोड़ते हुए भारत का सबसे बड़ा आईपीओ बनेगा।
एंकर निवेशक 14 अक्टूबर को इसमें निवेश कर सकेंगे, जबकि रिटेल निवेशकों के लिए यह 15 अक्टूबर से 17 अक्टूबर तक खुला रहेगा। आईपीओ का अलॉटमेंट 18 अक्टूबर को होगा और हुंडई की लिस्टिंग BSE और NSE पर 22 अक्टूबर को होगी।
आईपीओ से बनेगा नया रिकॉर्ड
प्रस्तावित आईपीओ पूरी तरह से हुंडई मोटर कंपनी के प्रमोटर द्वारा 14,21,94,700 इक्विटी शेयरों का ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) होगा। इसमें कोई फ्रेश इक्विटी जारी नहीं की जाएगी, जिसका मतलब है कि शेयरों की बिक्री से होने वाली पूरी कमाई हुंडई की पैरेंट कंपनी को जाएगी।
यह आईपीओ देश के सबसे बड़े आईपीओ में से एक होगा। इसके साथ ही यह जापानी कार निर्माता मारुति सुजुकी की 2003 में लिस्टिंग के बाद, दो दशकों में किसी ऑटोमेकर का पहला आईपीओ भी होगा।
हुंडई मोटर इंडिया का मार्केट शेयर और प्रदर्शन
हुंडई मोटर इंडिया ने 1996 में भारत में अपना संचालन शुरू किया और फिलहाल 13 अलग-अलग मॉडल बेच रही है। मार्केट शेयर के लिहाज से, हुंडई फिलहाल मारुति सुजुकी के बाद दूसरे स्थान पर है, और घरेलू बाजार में इसकी हिस्सेदारी लगभग 14.6% है।
सितंबर 2024 में, हुंडई ने 64,201 गाड़ियां बेचीं, जो सालाना आधार पर 10% की गिरावट दर्शाती है। वर्ष 2024 में अब तक हुंडई ने कुल 5.77 लाख गाड़ियां बेची हैं, जो सालाना आधार पर लगभग स्थिर रही है।