अदाणी ग्रुप की वायर और केबल कारोबार में एंट्री से सेक्टर की कंपनियों में हलचल मच गई। KEI, Polycab सहित कई कंपनियों के शेयर 15% तक गिरे, जिससे निवेशकों की चिंता बढ़ी।
Adani Enterprises enters wire market: अडानी ग्रुप की वायर और केबल कारोबार में एंट्री ने पूरे सेक्टर में हलचल मचा दी है। गुरुवार, 20 मार्च को इस खबर के बाद वायर और केबल निर्माण से जुड़ी प्रमुख कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई। यह माना जा रहा है कि इस नए प्रवेश से प्रतिस्पर्धा और बढ़ जाएगी, जिससे मौजूदा कंपनियों के मार्केट शेयर पर प्रभाव पड़ सकता है।
बड़ी कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट
अडानी ग्रुप की इस घोषणा के बाद निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई, जिसके कारण बीएसई पर केईआई इंडस्ट्रीज, पॉलीकैब इंडिया, आरआर केबल, फिनोलेक्स केबल्स और हैवेल्स इंडिया के शेयरों में 15% तक की गिरावट दर्ज की गई। इसके विपरीत, बेंचमार्क बीएसई सेंसेक्स इंडेक्स सुबह 11 बजे 464 अंक या 0.61% बढ़कर 75,913 के स्तर पर था।
अडानी ग्रुप ने नई जॉइंट वेंचर कंपनी बनाई
अडानी एंटरप्राइजेज ने बुधवार को स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में कहा कि कंपनी की सब्सिडियरी कच्छ कॉपर लिमिटेड ने प्रणीता वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड के साथ मिलकर 50:50 हिस्सेदारी वाली जॉइंट वेंचर कंपनी 'प्रणीता इकोकेबल्स लिमिटेड' का गठन किया है। इस जॉइंट वेंचर के तहत अडानी ग्रुप ने मेटल उत्पादों, केबलों और तारों के निर्माण, मार्केटिंग, खरीद और बिक्री के कारोबार में आधिकारिक रूप से कदम रख दिया है।
शेयर बाजार पर असर: कंपनियों को बड़ा झटका
केईआई इंडस्ट्रीज के शेयरों में इंट्राडे में 14.55% की गिरावट आई और यह 2,802.10 रुपये प्रति शेयर पर आ गया। बीएसई पर इस शेयर के करीब 1.06 लाख शेयरों का कारोबार हुआ, जो इसके दो सप्ताह के औसत कारोबार (14,000 शेयर) से कहीं ज्यादा था।
इसके अलावा, पॉलीकैब इंडिया का शेयर 9.58% गिरकर 4,920 रुपये प्रति शेयर पर पहुंच गया। हैवेल्स इंडिया के शेयर की कीमत 5.5% गिरकर 1,470.8 रुपये, जबकि फिनोलेक्स केबल्स का शेयर 4.7% गिरकर 827 रुपये प्रति शेयर पर आ गया। दूसरी तरफ, अडानी एंटरप्राइजेज का शेयर इंट्राडे ट्रेड में 1.6% बढ़कर कारोबार करता देखा गया।
बिड़ला ग्रुप पहले ही कर चुका है वायर और केबल इंडस्ट्री में एंट्री
गौरतलब है कि वायर और केबल सेक्टर में अदाणी ग्रुप की एंट्री ऐसे समय हुई है जब बिड़ला ग्रुप पहले ही इस उद्योग में कदम रख चुका है। फरवरी 2025 में अल्ट्राटेक सीमेंट ने स्टॉक एक्सचेंज को सूचित किया था कि उसने वायर और केबल सेगमेंट में प्रवेश करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस घोषणा के कुछ ही सप्ताह बाद अडानी ग्रुप ने भी इसी क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
विश्लेषकों के अनुसार, बड़े कॉर्पोरेट समूहों की इस क्षेत्र में एंट्री से असंगठित बाजार हिस्सेदारी संगठित कंपनियों में बदल जाएगी और स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलेगा। वित्त वर्ष 2018-19 में संगठित कंपनियों की बाजार हिस्सेदारी 68% थी, जो वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़कर 73% हो गई।