SEBI ने MITRA प्लेटफॉर्म लॉन्च किया, जिससे निवेशक अपने भूले-बिसरे म्यूचुअल फंड निवेश को आसानी से ट्रैक और क्लेम कर सकेंगे। यह इनएक्टिव फोलियो को पहचानने और KYC अपडेट में मदद करेगा।
SEBI: अगर आपने कभी म्यूचुअल फंड में निवेश किया था लेकिन अब उसे भूल चुके हैं, तो चिंता करने की जरूरत नहीं। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने एक डिजिटल प्लेटफॉर्म MITRA (Mutual Fund Investment Tracing and Retrieval Assistant) लॉन्च किया है। यह निवेशकों को भूले हुए, लावारिस या अनक्लेम्ड म्यूचुअल फंड फोलियो को ट्रैक करने में मदद करेगा। SEBI ने 12 फरवरी को जारी एक सर्कुलर में इसकी घोषणा की।
MITRA की जरूरत क्यों पड़ी?
कई बार निवेशक पुराने फोलियो या भौतिक रूप (पेपर फॉर्म) में किए गए निवेशों को भूल जाते हैं। अगर निवेशक का KYC अपडेट नहीं है, PAN डिटेल्स पुरानी हैं या ईमेल/पता बदल गया है, तो ये फोलियो यूनिट होल्डर के कंसोलिडेटेड अकाउंट स्टेटमेंट में नहीं दिखते। इसके अलावा, यदि निवेशक की मृत्यु हो जाती है और नॉमिनी या कानूनी उत्तराधिकारी को इसकी जानकारी नहीं होती, तो ऐसे निवेश बिना क्लेम किए पड़े रह जाते हैं। MITRA इन्हीं समस्याओं को हल करेगा।
MITRA के प्रमुख फीचर्स
- भूले-बिसरे निवेशों को पहचानने और क्लेम करने में मदद करेगा।
- निवेशकों को KYC अपडेट करने के लिए प्रोत्साहित करेगा।
- अनक्लेम्ड म्यूचुअल फंड फोलियो की संख्या कम करेगा।
- वित्तीय पारदर्शिता और सुरक्षा को बढ़ावा देगा।
- इनएक्टिव फोलियो में धोखाधड़ी की आशंका को कम करेगा।
कौन-से फोलियो होंगे MITRA में लिस्टेड?
SEBI के मुताबिक, यदि किसी म्यूचुअल फंड फोलियो में 10 साल तक कोई भी लेनदेन नहीं हुआ (चाहे वित्तीय हो या गैर-वित्तीय), तो उसे इनएक्टिव फोलियो माना जाएगा। ऐसे फोलियो में निवेश की रकम बनी रहती है, लेकिन निवेशक उसे क्लेम नहीं करता। MITRA ऐसे फोलियो को ट्रैक कर सही हकदारों को जागरूक करेगा और KYC अपडेट करने में मदद करेगा।
MITRA कहां मिलेगा और कौन इसे मैनेज करेगा?
MITRA प्लेटफॉर्म को दो योग्य रजिस्ट्रार और ट्रांसफर एजेंट्स (QRTAs) – CAMS और KFIN Technologies मिलकर होस्ट करेंगे। यह प्लेटफॉर्म MF Central, AMCs, AMFI, CAMS, KFIN और SEBI की वेबसाइटों पर उपलब्ध होगा।
SEBI के साइबर सुरक्षा नियमों के तहत MITRA को सुरक्षित बनाया जाएगा। QRTAs को सिस्टम ऑडिट, साइबर सिक्योरिटी ऑडिट और SEBI की डिजास्टर रिकवरी (DR) गाइडलाइंस का पालन करना होगा।
कब होगा MITRA प्लेटफॉर्म लॉन्च?
SEBI ने AMCs, RTAs, निवेश सलाहकारों (RIAs) और म्यूचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर्स को निवेशकों के बीच MITRA की जागरूकता बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।
- MITRA प्लेटफॉर्म 15 वर्किंग दिनों के अंदर लॉन्च होगा।
- शुरुआत में दो महीने तक इसका बीटा वर्जन टेस्टिंग के लिए उपलब्ध रहेगा।
निवेशकों की सुरक्षा के लिए नया नियम
SEBI ने म्यूचुअल फंड्स के मास्टर सर्कुलर में बदलाव कर यूनिट होल्डर प्रोटेक्शन कमेटी (UHPC) की जिम्मेदारी बढ़ा दी है। अब यह कमेटी इनएक्टिव फोलियो के साथ अनक्लेम्ड डिविडेंड और रिडेम्प्शन की भी समीक्षा करेगी, ताकि बिना क्लेम किए निवेशों की संख्या घटाई जा सके।