नई दिल्ली: वित्त वर्ष 2024-25 समाप्त होने की ओर है, और यदि आप अब तक टैक्स बचाने की योजना नहीं बना पाए हैं, तो अब समय तेजी से निकल रहा है। 31 मार्च 2024 अंतिम तारीख है, जिसके बाद आप वित्तीय वर्ष के लिए टैक्स कटौती का लाभ नहीं ले सकेंगे।
आयकर अधिनियम के तहत करदाताओं को कई निवेश विकल्पों में पैसे लगाकर छूट का लाभ उठाने का अवसर मिलता है। यदि आप अपनी मेहनत की कमाई को कर बचत योजनाओं में निवेश करना चाहते हैं, तो यह सही समय है।
टैक्स सेविंग के लिए 31 मार्च से पहले निवेश क्यों जरूरी?
आयकर अधिनियम के तहत ओल्ड टैक्स रिजीम का विकल्प चुनने वाले करदाता निवेश के जरिए कटौती का दावा कर सकते हैं। सही समय पर निवेश करने से न केवल टैक्स में छूट मिलती है, बल्कि भविष्य के लिए वित्तीय सुरक्षा भी सुनिश्चित होती है।
बेस्ट टैक्स सेविंग विकल्प:
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF):
यह सुरक्षित और दीर्घकालिक निवेश का सबसे भरोसेमंद विकल्प है। वर्तमान में इस पर 7.1% ब्याज मिल रहा है। यह योजना आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक की छूट प्रदान करती है। सरकार की गारंटी होने के कारण यह जोखिम-मुक्त निवेश है और 15 साल की लॉक-इन अवधि के साथ लॉन्ग टर्म वेल्थ क्रिएशन के लिए आदर्श है।
नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS):
रिटायरमेंट प्लानिंग और टैक्स सेविंग के लिहाज से NPS एक शानदार विकल्प है। इसमें निवेश करने पर धारा 80C के तहत 1.5 लाख रुपये और धारा 80CCD(1B) के तहत अतिरिक्त 50,000 रुपये की छूट मिलती है, जिससे कुल 2 लाख रुपये तक का टैक्स बचाया जा सकता है। न्यूनतम 1,000 रुपये प्रति माह से निवेश शुरू किया जा सकता है और 18 से 65 वर्ष तक का कोई भी भारतीय नागरिक इसमें खाता खोल सकता है।
सुकन्या समृद्धि योजना (SSY):
बेटी की सुरक्षा और टैक्स बचत दोनों के लिए यह स्कीम बेहतरीन विकल्प मानी जाती है। इसमें 8.2% की ब्याज दर मिलती है और 1.5 लाख रुपये तक की सालाना कर छूट उपलब्ध है। 21 साल की अवधि वाली इस योजना में बेटी के 18 साल होने पर आंशिक निकासी की अनुमति है।
सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (SCSS):
वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह योजना सबसे सुरक्षित कर बचत विकल्पों में से एक है। इस योजना पर 8.2% वार्षिक ब्याज मिलता है और इसमें अधिकतम 1.5 लाख रुपये का निवेश किया जा सकता है। यह धारा 80C के तहत टैक्स छूट भी प्रदान करती है।
इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS):
यह एकमात्र म्यूचुअल फंड योजना है, जिसमें धारा 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स छूट मिलती है। अन्य योजनाओं की तुलना में इसमें केवल 3 साल की लॉक-इन अवधि होती है। शेयर बाजार से जुड़े होने के कारण इसमें अधिक संभावित रिटर्न मिल सकता है, जिससे यह लॉन्ग टर्म वेल्थ ग्रोथ के लिए एक मजबूत विकल्प बन जाता है।
हेल्थ इंश्योरेंस:
स्वास्थ्य बीमा लेने पर भी टैक्स छूट का लाभ लिया जा सकता है। धारा 80D के तहत, स्वयं, जीवनसाथी और बच्चों के लिए 25,000 रुपये तक और माता-पिता (यदि वे वरिष्ठ नागरिक हैं) के लिए 50,000 रुपये तक की कर कटौती का लाभ मिलता है।
अन्य टैक्स सेविंग विकल्प:
टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट (Tax Saving FD) में 5 साल की लॉक-इन अवधि होती है और यह धारा 80C के तहत छूट प्रदान करता है। यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (ULIP) बीमा और निवेश दोनों का लाभ देता है, जबकि कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) वेतनभोगी लोगों के लिए एक शानदार कर बचत योजना मानी जाती है।