सरकार ने कुश्ती महासंघ से हटाया निलंबन: 15 महीने बाद WFI को मिली बहाली, अब घरेलू और अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट के लिए होगा टीम चयन

सरकार ने कुश्ती महासंघ से हटाया निलंबन: 15 महीने बाद WFI को मिली बहाली, अब घरेलू और अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट के लिए होगा टीम चयन
अंतिम अपडेट: 4 घंटा पहले

भारत में कुश्ती को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। केंद्र सरकार ने आखिरकार भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) पर लगे निलंबन को हटा दिया है। यह निलंबन करीब 15 महीने पहले लगाया गया था, जिससे देश के पहलवानों को अंतरराष्ट्रीय और घरेलू टूर्नामेंट में हिस्सा लेने में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। अब इस फैसले के बाद भारतीय पहलवानों के लिए नए दरवाजे खुल गए हैं और वे फिर से आधिकारिक रूप से बड़े टूर्नामेंट में भाग ले सकेंगे।

WFI पर क्यों लगाया गया था बैन?

भारतीय कुश्ती महासंघ पर दिसंबर 2022 में निलंबन लगाया गया था। इसका मुख्य कारण संगठन में अनियमितताएं और पहलवानों द्वारा की गई शिकायतें थीं। भारतीय पहलवानों ने महासंघ के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कई गंभीर आरोप लगाए थे, जिसके बाद सरकार को मजबूरन WFI को सस्पेंड करना पड़ा।

15 महीने के संघर्ष के बाद मिली बहाली

इस निलंबन के चलते भारतीय पहलवानों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-अलग चुनौतियों का सामना करना पड़ा। सरकार और खेल मंत्रालय ने इस दौरान नए नियमों और सुधारों पर काम किया, ताकि महासंघ में पारदर्शिता लाई जा सके। कई बैठकों और चर्चाओं के बाद आखिरकार सरकार ने WFI पर से निलंबन हटाने का फैसला किया।

अब क्या बदलेगा?

टीम चयन की प्रक्रिया होगी शुरू: अब भारतीय कुश्ती महासंघ आधिकारिक रूप से घरेलू और अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों के लिए पहलवानों का चयन कर सकेगा।
अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में भागीदारी: अब भारतीय पहलवान एशियन चैंपियनशिप, वर्ल्ड चैंपियनशिप और ओलंपिक क्वालिफायर जैसे बड़े टूर्नामेंट में बिना किसी रुकावट के हिस्सा ले सकेंगे।
नई कार्यप्रणाली लागू होगी: महासंघ में सुधार के लिए कुछ नए नियम लागू किए गए हैं, जिससे पारदर्शिता और खिलाड़ियों के हितों की रक्षा सुनिश्चित की जा सके।

पहलवानों की प्रतिक्रिया

इस फैसले के बाद कई भारतीय पहलवानों ने राहत की सांस ली है। उन्होंने सरकार के इस कदम का स्वागत किया और कहा कि इससे भारतीय कुश्ती को नई दिशा मिलेगी।

अगला कदम क्या होगा?

अब सभी की निगाहें भारतीय कुश्ती महासंघ की अगली रणनीति पर होंगी। नए बदलावों के साथ महासंघ की जिम्मेदारी होगी कि वह खिलाड़ियों की जरूरतों को प्राथमिकता दे और भारतीय कुश्ती को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाए।

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