Stock Market Update: शेयर बाजार में हलचल! शुरुआती बढ़त के बाद गिरावट, सेंसेक्स और निफ्टी लाल निशान पर

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शेयर बाजार ने मजबूत शुरुआत के बाद गिरावट दर्ज की। सेंसेक्स 73 हजार के नीचे फिसला, निफ्टी 60 अंक टूटा। अमेरिकी टैरिफ नीति और वैश्विक अनिश्चितता से निवेशक सतर्क।

Stock Market Update: सप्ताह के पहले कारोबारी दिन यानी सोमवार, 3 मार्च 2025 को भारतीय शेयर बाजार ने मजबूती के साथ शुरुआत की, लेकिन कुछ ही घंटों में गिरावट दर्ज की गई। वैश्विक बाजारों से मिले सकारात्मक संकेतों के बावजूद घरेलू शेयर बाजार पर अमेरिकी टैरिफ नीति और विदेशी निवेशकों की सतर्कता का असर देखने को मिला।

बीएसई सेंसेक्स 200 अंकों से ज्यादा की बढ़त के साथ 73,427 पर खुला और कुछ समय बाद 73,649 के उच्चतम स्तर तक पहुंचा। हालांकि, कारोबार के शुरुआती आधे घंटे के भीतर ही बाजार में बिकवाली हावी हो गई, जिससे सेंसेक्स लाल निशान में आ गया। सुबह 10 बजे सेंसेक्स 235.54 अंकों की गिरावट के साथ 72,962.56 पर कारोबार कर रहा था।

इसी तरह, एनएसई निफ्टी 22,194 के स्तर पर खुला, लेकिन थोड़ी ही देर में यह भी गिरावट के साथ कारोबार करने लगा। सुबह 10 बजे निफ्टी 59.15 अंक फिसलकर 22,065.55 के स्तर पर आ गया।

वैश्विक बाजारों से संकेत

अमेरिका और चीन के बीच व्यापार तनाव बढ़ने से वैश्विक बाजारों पर असर पड़ा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कुछ नई टैरिफ घोषणाएं की हैं, जिससे निवेशक सतर्क हो गए हैं। अमेरिकी बाजारों में उतार-चढ़ाव जारी रहा, जहां डॉव जोन्स, एसएंडपी 500 और नैस्डैक में हल्की बढ़त दर्ज की गई।

एशियाई बाजारों की बात करें तो जापान के निक्केई इंडेक्स में 0.67% की बढ़त रही, जबकि ऑस्ट्रेलिया के ASX 200 में 0.22% का उछाल देखा गया। दक्षिण कोरिया का बाजार सार्वजनिक अवकाश के कारण बंद था।

चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने अमेरिका द्वारा प्रस्तावित नए टैरिफ पर आपत्ति जताई और चेतावनी दी कि यदि अमेरिका अपनी नीति में बदलाव नहीं करता है, तो चीन भी जवाबी कदम उठाने को तैयार है।

भारतीय बाजार पर असर डालने वाले कारक

भारतीय बाजार की दिशा तय करने में कुछ प्रमुख कारकों की भूमिका रहेगी:

- फरवरी का मैन्युफैक्चरिंग PMI डेटा: उम्मीद है कि यह 50.3 रह सकता है, जो जनवरी के 50.1 के मुकाबले मामूली बढ़त दर्शाता है।
- तीसरी तिमाही का GDP डेटा: भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 6.2% रही, जो पिछले आंकड़ों से बेहतर है।
- विदेशी निवेशकों की गतिविधियां: एफपीआई (FPI) निवेशक फिलहाल सतर्क हैं और बाजार में करेक्शन की वजह से बड़े निवेश से बच रहे हैं।

पिछले सत्र में बाजार का प्रदर्शन

शुक्रवार के कारोबारी सत्र में भारतीय बाजारों में भारी गिरावट देखने को मिली थी।

- सेंसेक्स 1,414 अंक या 1.9% की गिरावट के साथ 73,198 पर बंद हुआ।
- निफ्टी 420 अंक या 1.9% टूटकर 22,125 के स्तर पर बंद हुआ।

इस गिरावट की मुख्य वजह विदेशी निवेशकों की बिकवाली और वैश्विक अनिश्चितताओं को माना जा रहा है।

घरेलू अर्थव्यवस्था का हाल

भारत की आर्थिक वृद्धि दर वित्त वर्ष 2024-25 की दिसंबर तिमाही में 6.2% रही, जो पिछली तिमाही के 5.6% से बेहतर है। हालांकि, कुछ अर्थशास्त्री आंकड़ों में संशोधन को लेकर चिंता जता रहे हैं। सरकार ने पूरे वित्त वर्ष के लिए 6.5% की वृद्धि का अनुमान जताया है।

इसके अलावा, भारतीय बाजार का वैल्यूएशन बीते आठ सालों के निचले स्तर पर पहुंच गया है। बीएसई सेंसेक्स का ट्रेलिंग P/E अनुपात 20.4x पर आ गया है, जो मई 2020 के बाद सबसे कम है।

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