मॉर्गन स्टेनली ब्रोकरेज का मानना है कि केमिकल सेक्टर में कई चुनौतियों का सामना करने के बावजूद दीपक नाइट्राइट के शेयरों में रिकवरी की संभावना बनी हुई है। कंपनी को केमिकल सेक्टर में लंबी अवधि की वृद्धि के अवसरों का लाभ उठाने के लिए अच्छी स्थिति में देखा जा रहा है।
नई दिल्ली: गुरुवार को भारतीय शेयर बाजार में दबाव बना हुआ है और प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी लाल निशान में कारोबार कर रहे हैं। इस बीच, ग्लोबल इन्वेस्टमेंट बैंक मॉर्गन स्टेनली ने भारत के केमिकल सेक्टर पर अपने ताजे विश्लेषण में कहा है कि मौजूदा चुनौतीपूर्ण बाजार परिस्थितियों को देखते हुए निवेशकों को सिलेक्टिव अप्रोच के साथ आगे बढ़ना चाहिए।
दीपक नाइट्राइट के शेयर पर मॉर्गन स्टेनली की अपडेट
मॉर्गन स्टेनली ने केमिकल सेक्टर में काम करने वाली कंपनी दीपक नाइट्राइट के शेयर पर ओवरवेट की रेटिंग को बरकरार रखा है, लेकिन साथ ही शेयर के टारगेट प्राइस को 3295 रुपये से घटाकर 3000 रुपये कर दिया है। गुरुवार को दीपक नाइट्राइट के शेयर में 0.6% की हल्की गिरावट आई और यह 2656 रुपये के स्तर पर ट्रेड कर रहा है।
दीपक नाइट्राइट शेयर को मॉर्गन स्टेनली की पसंद
मॉर्गन स्टेनली दीपक नाइट्राइट के शेयर को इसलिए आकर्षक मानता है क्योंकि कंपनी केमिकल सेक्टर में चुनौतियों का सामना करने के बावजूद रिकवरी की दिशा में मजबूत स्थिति में है। इसके पास बाजार में दबावों के बावजूद लंबी अवधि में विकास के अवसरों को भुनाने की क्षमता है, और यह क्षेत्रीय मजबूती के साथ अपने आप को स्थापित करने के लिए अच्छी स्थिति में है।
पीआई इंडस्ट्रीज शेयर पर मॉर्गन स्टेनली का अपडेट
मॉर्गन स्टेनली ने पीआई इंडस्ट्रीज के शेयर पर अपनी इक्वल वेट रेटिंग को जारी रखते हुए शेयर के टारगेट प्राइस को बढ़ाकर 4310 रुपए कर दिया है। इस दौरान, पीआई इंडस्ट्रीज का शेयर गुरुवार को 0.85% की गिरावट के साथ 4113 रुपए के स्तर पर ट्रेड कर रहा था।
केमिकल सेक्टर पर मॉर्गन स्टेनली का दृष्टिकोण
मॉर्गन स्टेनली के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2025 के दूसरे क्वार्टर में केमिकल सेक्टर के प्रदर्शन में कई चुनौतियाँ रही हैं। सितंबर तिमाही के दौरान, कंपनियों को प्राइसिंग और मार्जिन लिवरेज में कमी का सामना करना पड़ा, जिसके कारण इनकी कमाई में गिरावट और गाइडेंस में बदलाव देखा गया। 2025 में केमिकल सेक्टर का आउटलुक सीमित और चुनौतीपूर्ण नजर आ रहा है।
हालांकि, केमिकल सेक्टर के लिए नए अवसर उत्पन्न हो रहे हैं, लेकिन ये अवसर अवरोधों के साथ आ रहे हैं। कंपनियों के लिए प्राइसिंग कंडीशंस चुनौतीपूर्ण बनी हुई हैं और इससे मोनेटाइजेशन के लिए कठिन माहौल बन रहा है।