जिन लोगों की कुंडली नहीं मिलती और फिर भी शादी कर लेते हैं तो रिश्ते में क्या-क्या समस्याएं हो सकती हैं? जानें

जिन लोगों की कुंडली नहीं मिलती और फिर भी शादी कर लेते हैं तो रिश्ते में क्या-क्या समस्याएं हो सकती हैं? जानें
Last Updated: 11 जुलाई 2024

जिन लोगों की कुंडली नहीं मिलती और फिर भी शादी कर लेते हैं तो रिश्ते में क्या-क्या समस्याएं हो सकती हैं? जानें

भारतीय शादियों में बहुत सारी रस्में निभाई जाती हैं, और उनमें से कुंडली मिलान भी एक महत्वपूर्ण रस्म है जो सदियों से चली आ रही है। चाहे अरेंज मैरिज हो या लव मैरिज, कुंडली मिलान को शादियों का अहम हिस्सा माना जाता है। जब कुंडली मिलान हो जाता है तो शादी की बाकी रस्मों को आगे बढ़ाया जाता है। आपने लोगों को यह कहते सुना होगा कि "शादी-विवाह दो गुड्डे-गुड़ियों का खेल नहीं है।" मनुष्य के जीवन में शादी एक बार ही होती है, इसलिए लोग चाहते हैं कि उनका जीवनसाथी सर्वगुण संपन्न हो। विवाह दो लोगों के बीच का ऐसा संबंध है जो उन्हें सात जन्मों तक जोड़ता है। 

शादी चाहे लव हो या अरेंज, कुछ चीजें ऐसी होती हैं जिनके पूरा होने के बाद ही शादी कराई जाती है, और इनमें सबसे महत्वपूर्ण होता है कुंडली मिलान। हमारे बड़े-बुजुर्गों और अनुभवी लोगों के अनुसार शादीशुदा जिंदगी खुशहाल रहे इसके लिए विवाह से पूर्व कुंडली मिलान बेहद जरूरी है। हिंदू धर्म में शादी के लिए रिश्ता तय करने से पहले लड़का और लड़की की कुंडली का मिलान किया जाता है।

क्या होता है अगर कुंडली न मिले तो ?

जिन लोगों की कुंडली के गुण आपस में नहीं मिलते, उनकी शादी में काफी अड़चनें आती हैं और परिजन ऐसी शादी की अनुमति नहीं देते। शादी कोई खेल नहीं है, शादी के बंधन में बंधने के बाद वर और वधू को जीवनभर के लिए एक-दूसरे का साथ निभाना होता है। यही वजह है कि लड़का और लड़की के परिजन उनकी कुंडली के गुणों का मिलान कराते हैं। कुंडली के कुल 36 गुणों में से जितने ज्यादा गुण मिलते हैं, वह शादी उतनी बेहतर मानी जाती है। शादी के लिए लड़का और लड़की के कम से कम 36 में से 18 गुण मिलना बहुत जरूरी माना जाता है।

हालांकि, प्रेम विवाह के मामलों में लड़का और लड़की गुण मिलान पर ज्यादा भरोसा नहीं करते हैं। वे बिना गुण मिलान कराए ही शादी कर लेते हैं। कुछ मामलों में गुण मिलाए भी जाते हैं लेकिन 18 से कम गुण मिलने पर भी शादी हो जाती है। ज्योतिष शास्त्रों के मुताबिक जिन लोगों के 18 गुण से कम मिलते हैं, उनका वैवाहिक जीवन काफी कष्ट में गुजरता है। ऐसे लोगों को अपने वैवाहिक जीवन में कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। कई बार तो प्रेम विवाह के कुछ समय बाद वर और वधू के बीच मतभेद और मनभेद हो जाते हैं, जिससे उनका वैवाहिक जीवन बर्बाद हो जाता है। कुछ मामलों में तो बात तलाक तक पहुंच जाती है। यही वजह है कि बड़े-बुजुर्ग गुण मिलाने के बाद ही शादी करने की सलाह देते हैं।

वर वधु के वैवाहिक जीवन में आएँगी कठिनाईया 

मान्यताओं के मुताबिक, कुंडली मिलान के बिना की गई शादी के बाद वर और वधू का केवल वैवाहिक जीवन ही नहीं बल्कि निजी जीवन भी बुरी तरह प्रभावित हो जाता है। वर और वधू के बीच छोटी-छोटी बातों पर झगड़ा होने लगता है, जिससे दोनों परिवारों पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। हालांकि, गुण मिलने के बाद भी कई लोगों की शादियां बर्बाद हो जाती हैं और रिश्ता टूट जाता है। हमारे समाज में ऐसी कई शादियां देखी गई हैं जिनमें वर और वधू की कुंडली में गुणों का बेहतर मिलान हुआ था, लेकिन शादी के बाद उनके वैवाहिक जीवन में कलह हावी हो गया। ऐसे मामलों में वर और वधू की कुंडली के ग्रह भी जिम्मेदार हो सकते हैं।

जैसे हर बीमारी का इलाज संभव है, वैसे ही ज्योतिष शास्त्र में हर परेशानी का उपाय संभव है। यदि कुंडली में दोष दिखाई देते हैं, तो संबंधित व्यक्ति को शादी से पहले इन दोषों के लिए पूजा करनी चाहिए। इससे इन दोषों के कारण ग्रहों के हानिकारक प्रभाव को बेअसर किया जा सकता है, जो बदले में अच्छा वैवाहिक जीवन जीने में मदद करेगा। इस तरह की पूजा एक विशेषज्ञ और कुशल ज्योतिषी द्वारा ही की जानी चाहिए।

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