14 मार्च 2025 को पहला पूर्ण चंद्र ग्रहण लगेगा, जो भारत में दृश्य नहीं होगा। सूतक काल मान्य नहीं रहेगा। यह ग्रहण अमेरिका, यूरोप, अफ्रीका और प्रशांत महासागर क्षेत्र में दिखाई देगा।
Chandra Grahan: होली के खास मौके पर इस साल पहला चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। यह एक पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा, जो खगोलीय दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ग्रहण को अशुभ संकेत माना जाता है, इसलिए इस दौरान शुभ कार्यों पर रोक लग जाती है। खासतौर पर हिंदू धर्म में ग्रहण के दौरान विशेष सावधानियां बरतने की परंपरा है, जैसे कि भोजन में तुलसी के पत्ते डालना और घर के मंदिर को ढक देना।
चंद्र ग्रहण की समय अवधि
14 मार्च 2025 को लगने वाला यह चंद्र ग्रहण सुबह 9:29 बजे शुरू होगा और दोपहर 3:29 बजे समाप्त होगा। इस दौरान चंद्रमा विभिन्न चरणों से गुजरेगा, जिनमें उपच्छाया, प्रच्छाया और खग्रास शामिल हैं। ग्रहण के मध्य चरण को परमग्रास कहा जाता है, जब चंद्रमा पूरी तरह से पृथ्वी की छाया में आ जाता है।
भारत में नहीं दिखेगा यह ग्रहण
इस बार का चंद्र ग्रहण भारत, नेपाल, श्रीलंका और पश्चिम एशिया के अन्य देशों में नहीं दिखेगा। यह ग्रहण मुख्य रूप से प्रशांत महासागर, पश्चिमी यूरोप, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका और पश्चिमी अफ्रीका में देखा जा सकेगा।
क्या लगेगा सूतक काल?
चंद्र ग्रहण के दौरान आमतौर पर सूतक काल लगता है, जो ग्रहण से 9 घंटे पहले शुरू होता है। लेकिन इस बार चंद्र ग्रहण भारत में दृश्य नहीं होगा, इसलिए सूतक काल मान्य नहीं होगा। इसका मतलब है कि इस दौरान किसी भी धार्मिक कार्य या नियमों का पालन करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
गर्भवती महिलाओं को क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?
ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को अधिक सतर्क रहने की सलाह दी जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस समय घर से बाहर न निकलना, तेज धार वाले उपकरणों का उपयोग न करना और आराम करना फायदेमंद माना जाता है। हालांकि, चूंकि यह ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा, इसलिए गर्भवती महिलाओं को इससे जुड़ी सावधानियों को अपनाने की जरूरत नहीं होगी।