ॐ जय लक्ष्मी माता,
मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निशदिन सेवत,
हर विष्णु विधाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता...
तुमको निशदिन सेवत,
हर विष्णु विधाता।
ॐ जय लक्ष्मी माता,
मैया जय लक्ष्मी माता॥
दुर्गा रूप निरंजनी,
सुख संपत्ति दाता।
ॐ जय लक्ष्मी माता...
जिस घर में तुम रहतीं,
सकल शुभ होता।
ॐ जय लक्ष्मी माता...
तुम बिन यज्ञ न होते,
वस्त्र न कोई पाता।
ॐ जय लक्ष्मी माता...
तुम बिन सुख संपत्ति,
किसी न होत प्राप्ता।
ॐ जय लक्ष्मी माता...
जिस घर में तुम रहतीं,
तहाँ ही गुण आता।
ॐ जय लक्ष्मी माता...
शुभ गुण मन्दिर सुन्दर,
क्षीर सागर नाथा।
ॐ जय लक्ष्मी माता...
हर विष्णु तुम्हारे संग,
सेवक सुखदाता।
ॐ जय लक्ष्मी माता...
॥ आरती श्री लक्ष्मी जी की,
जो कोई नर गाता।
उर आनन्द समाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता...