Rath Saptami 2025: रथ सप्तमी पर सूर्य देव की पूजा से मिलेगी सुख-समृद्धि, व्रत से मिलेगा दोगुना फल, जानें पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

Rath Saptami 2025: रथ सप्तमी पर सूर्य देव की पूजा से मिलेगी सुख-समृद्धि, व्रत से मिलेगा दोगुना फल, जानें पूजा विधि और शुभ मुहूर्त
अंतिम अपडेट: 3 घंटा पहले

Rath Saptami 2025: रथ सप्तमी का पर्व हर साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। यह विशेष दिन भगवान सूर्य को समर्पित होता है और इसे सूर्य जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। इस साल रथ सप्तमी मंगलवार, 4 फरवरी 2025 को पड़ रही है। रथ सप्तमी के दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने से जीवन में सुख-समृद्धि, स्वास्थ्य और भौतिक सुख की प्राप्ति होती है। यह दिन विशेष रूप से सूर्य देव की पूजा-अर्चना करने का है, और माना जाता है कि इस दिन विशेष रूप से सूर्य देव की पूजा करने से जीवन के सभी संकट समाप्त हो जाते हैं और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

रथ सप्तमी का महत्व

रथ सप्तमी के दिन सूर्य देव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए भक्तगण सूर्य को अर्घ्य देते हैं। इस दिन को माघ सप्तमी, सूर्य जयंती और अचला सप्तमी के नाम से भी जाना जाता है। हिन्दू धर्म में इस दिन को अत्यंत पवित्र और शुभ माना जाता है। सूर्य देव को जीवन का स्रोत माना जाता है, और इस दिन उनकी पूजा से जीवन में सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य में वृद्धि होती हैं।

सूर्य देव के साथ-साथ इस दिन भगवान विष्णु और सूर्य के रथवाहन के रूप में श्रीनारायण की भी पूजा की जाती है। इस दिन सूर्योदय से पूर्व स्नान करने और सूर्य को अर्घ्य देने की विशेष परंपरा है। रथ सप्तमी का पर्व विशेष रूप से कृषि, स्वास्थ्य और भौतिक सुखों की प्राप्ति का प्रतीक माना जाता हैं।

रथ सप्तमी पर अर्घ्य में मिलाएं ये चीजें, जीवन रहेगा सुखमय

रथ सप्तमी के दिन सूर्य देव को अर्घ्य देते समय कुछ विशेष सामग्री का उपयोग करने से जीवन में विशेष लाभ मिलता हैं।
•    रथ सप्तमी पर जल में पीला चंदन या हल्दी मिलाकर अर्घ्य देना बहुत शुभ माना जाता है। इससे विवाह में आ रही समस्याएं समाप्त होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि का संचार होता है। यह उपाय विशेष रूप से विवाह योग्य कन्याओं और पुरुषों के लिए लाभकारी माना जाता हैं।
•    इस दिन जल में रोली मिलाकर अर्घ्य देने से मान-सम्मान की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही व्यक्ति के जीवन में अपार सुख और समृद्धि आती है। रोली को आस्था के साथ अर्घ्य में मिलाकर देने से मानसिक शांति भी मिलती हैं।
•    रथ सप्तमी के दिन जल में दूध मिलाकर अर्घ्य देना बहुत उत्तम माना जाता है। इस उपाय से व्यक्ति के भय, रोग और मानसिक तनाव से मुक्ति मिलती है। साथ ही, यह उपाय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता हैं।

रथ सप्तमी पूजा मंत्र

•    रथ सप्तमी पर सूर्य देव की पूजा करते समय इन मंत्रों का उच्चारण विशेष लाभकारी होता हैं।
•    ॐ घृणि सूर्याय नमः
•    ऊँ आदित्याय विदमहे प्रभाकराय धीमहितन्न: सूर्य प्रचोदयात्।।
•    ऊँ सप्ततुरंगाय विद्महे सहस्त्रकिरणाय धीमहि तन्नो रवि: प्रचोदयात्।।

रथ सप्तमी 2025: पूजा मुहूर्त और शुभ समय

वैदिक पंचांग के अनुसार, माघ महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि 4 फरवरी 2025 को सुबह 4 बजकर 37 मिनट पर शुरू होगी और इसका समापन 5 फरवरी को रात 2 बजकर 30 मिनट पर होगा। हिन्दू धर्म में उदया तिथि का विशेष महत्व होता है, इसीलिए रथ सप्तमी इस दिन मनाई जाएगी। इस दिन सूर्य को अर्घ्य देने के लिए स्नान का शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 23 मिनट से लेकर 7 बजकर 08 मिनट तक रहेगा। इस समय में स्नान करके सूर्य देव की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती हैं।

रथ सप्तमी के दिन अपनाएं ये विशेष उपाय

•    इस दिन सूर्योदय से पूर्व उबटन और स्नान का विशेष महत्व हैं।
•    सूर्य को ताम्बे के पात्र में जल अर्पित करें और विशेष रूप से उबटन करने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में लाभ होता हैं।
•    इस दिन पीले वस्त्र पहनने से सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती हैं।
•    रथ सप्तमी पर विशेष रूप से दान का महत्व है। गरीबों और ब्राह्मणों को तिल, गुड़, चावल और वस्त्र दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती हैं।

रथ सप्तमी का पर्व विशेष रूप से सूर्य देव की पूजा के लिए समर्पित है और इस दिन की पूजा से जीवन में सुख, समृद्धि, स्वास्थ्य और मानसिक शांति की प्राप्ति होती है। इस दिन सूर्य को अर्घ्य देने से जीवन के सभी संकट समाप्त हो जाते हैं और मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इसलिए इस दिन को भक्ति और श्रद्धा के साथ मनाना चाहिए और पूजा विधि का पालन करके सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहिए।

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