शिव आरती

शिव आरती
Last Updated: 21 सितंबर 2024

ॐ शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा।   

ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्धांगी धारा॥

ॐ शिव ओंकारा...

 

पहला चरण

 

एकानन, चतुरानन, पंचानन राजे।

हंसासन, गरुड़ासन, वृषवाहन साजे॥

ॐ शिव ओंकारा...

 

दूसरा चरण

 

दो भुज, चार चतुर्भुज, दस भुज अति सोहे।

त्रिगुण रूप निरखत, त्रिभुवन जन मोहे॥

ॐ शिव ओंकारा...

 

तीसरा चरण

 

अक्ष माला, वनमाला, मुंडमाला धारी।

त्रिपुरारी, कंसारी, कर माला धारी॥

ॐ शिव ओंकारा...

 

चौथा चरण

 

श्वेताम्बर, पीताम्बर, बाघम्बर अंगे।

सनकादिक, गरुणादिक, भूतादिक संगे॥

ॐ शिव ओंकारा...

 

पांचवां चरण

 

कर के मध्य कमंडलु, चक्र त्रिशूल धर्ता।

जगकर्ता, प्रभु भर्ता, कर्ता हर्ता॥

ॐ शिव ओंकारा...

 

छठा चरण

 

ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, जानत अविवेका।

प्रणवाक्षर के मध्य में, यह तीनों एका॥

ॐ शिव ओंकारा...

 

सातवां चरण

 

त्रिगुण स्वरूप शिव जी, ध्यावत सब कोई।

ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, सदा सर्वत्र ओई॥

ॐ शिव ओंकारा...

 

अंतिम चरण

ॐ शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा।

ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्धांगी धारा॥

ॐ शिव ओंकारा...

Leave a comment