ॐ जय साईं राम
आरती साईं बाबा, सुखदाता, श्रद्धा, सबुरी के सागर।
आरती साईं बाबा...
चरणों में तेरे आए, दरशन कर सुख पाया।
तन-मन शीतल, शांत हुआ, दुख संकट मिटाया॥
आरती साईं बाबा, सुखदाता, श्रद्धा, सबुरी के सागर।
आरती साईं बाबा...
जटा मुकुट सिर सोहे, धुनी रमा के बैठें।
कर में धरे कमंडल, माला गले में पहने॥
आरती साईं बाबा, सुखदाता, श्रद्धा, सबुरी के सागर।
आरती साईं बाबा...
ज्योति तुम्हारी अलौकिक, दर्श अमृत का प्याला।
कण-कण में है रूप तुम्हारा, सबमें है रमवाला॥
आरती साईं बाबा, सुखदाता, श्रद्धा, सबुरी के सागर।
आरती साईं बाबा...
माता पिता तुम ही हो, तुम्हीं हो बन्धु हमारे।
तुम बिन और न दूजा, आस, भरोसा सारे॥
आरती साईं बाबा, सुखदाता, श्रद्धा, सबुरी के सागर।
आरती साईं बाबा...
तुम हो आनंदकंद, जगत में तुम ही हो भगवान।
कष्टों से छुड़ाओ भगतों को, दो अपना वरदान॥
आरती साईं बाबा, सुखदाता, श्रद्धा, सबुरी के सागर।आरती साईं बाबा...
रूप तुम्हारा न्यारा, साँवरा और सुन्दर।
अति मनोहर, अति प्यारा, है शिरडी में धाम तुम्हारा॥
आरती साईं बाबा, सुखदाता, श्रद्धा, सबुरी के सागर।
आरती साईं बाबा...
जो जन आते तुम्हारी शरण में, सुख शांति पाते।
जो भी दर पे तुम्हारे आते, मनवांछित फल पाते॥
आरती साईं बाबा, सुखदाता, श्रद्धा, सबुरी के सागर।
आरती साईं बाबा...