तुलसी माता की आरती

तुलसी माता की आरती
Last Updated: 25 सितंबर 2024

 

तुलसी महारानी नमो-नमो,

हरि की पटरानी नमो-नमो।

 धन तुलसी पूरण तप कीनो,

शालिग्राम बनी पटरानी।

जाके पत्र मंजरी कोमल,

श्रीपति कमल चरण लपटानी।

 तुलसी महारानी नमो-नमो,

हरि की पटरानी नमो-नमो।

 धूप-दीप-नवैद्य आरती,

पुष्पन की वर्षा बरसानी।

छप्पन भोग छत्तीसों व्यंजन,

बिन तुलसी हरि एक ना मानी।

 तुलसी महारानी नमो-नमो,

हरि की पटरानी नमो-नमो।

सभी सखी मैया तेरो यश गावें,

भक्तिदान दीजै महारानी।

नमो-नमो तुलसी महारानी,

तुलसी महारानी नमो-नमो।

 तुलसी महारानी नमो-नमो,

हरि की पटरानी नमो-नमो।

 यह आरती श्रद्धा के साथ गाई जाती है और भक्तों को सुख, शांति और समृद्धि का आशीर्वाद देती है।

 

 

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