भारतीय राजनीति में वंदे मातरम को लेकर फिर विवाद गरमाया है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कांग्रेस और उसके पूर्व नेता जवाहरलाल नेहरू पर बड़ा आरोप लगाया है कि 1937 में उन्होंने राष्ट्रीय गीत 'वंदे मातरम' से मां दुर्गा से जुड़े छंद जानबूझकर हटाए।
नई दिल्ली: भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सीआर केसवन ने कांग्रेस पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि 1937 में जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में कांग्रेस ने राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ को जानबूझकर छोटा कर दिया था। केसवन के अनुसार, नेहरू ने उन पंक्तियों को हटाया था जिनमें मां दुर्गा की स्तुति थी, ताकि कुछ सामुदायिक समूहों को खुश किया जा सके।
केसवन ने अपनी X पोस्ट में लिखा, हमारी नई पीढ़ी को पता होना चाहिए कि नेहरू की अध्यक्षता वाली कांग्रेस ने अपनी सांप्रदायिक राजनीति के चलते 1937 के फैजपुर अधिवेशन में केवल ‘वंदे मातरम’ के पहले दो छंद ही अपनाए। बाकी छंद, जिनमें मां दुर्गा की जय-जयकार थी, उन्हें हटा दिया गया।” यह बयान इतिहास के दृष्टिकोण और कांग्रेस की उस समय की नीतियों पर सवाल उठाता है।
सीआर केसवन ने कांग्रेस पर साधा निशाना

बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सीआर केसवन (CR Kesavan) ने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि 1937 में कांग्रेस अध्यक्ष नेहरू की अध्यक्षता में वंदे मातरम को छोटा किया गया। उन्होंने अपनी X (पूर्व Twitter) पोस्ट में लिखा:
'हमारी नई पीढ़ी को पता होना चाहिए कि नेहरू की अध्यक्षता वाली कांग्रेस ने अपनी सांप्रदायिक राजनीति के चलते 1937 के फैजपुर अधिवेशन में सिर्फ़ वंदे मातरम के पहले 2 छंद ही अपनाए। बाकी छंद, जिनमें मां दुर्गा की जय-जयकार थी, उन्हें हटा दिया गया।'
केसवन ने आगे कहा कि वंदे मातरम किसी एक धर्म या भाषा की संपत्ति नहीं है। यह गीत देशभक्ति और मातृभूमि की जयगाथा है, जिसे अंग्रेजों ने गाने पर रोक लगाई थी।
सुभाष चंद्र बोस थे पूरे गीत के पक्ष में
सीआर केसवन ने नेहरू और नेताजी सुभाष चंद्र बोस के बीच हुए पत्राचार का हवाला देते हुए बताया कि नेहरू ने लिखा था कि वंदे मातरम का मां दुर्गा से संबंध मुसलमानों को चिढ़ा सकता है। जबकि नेताजी पूरी तरह से पूरे गीत को अपनाने के पक्ष में थे। केसवन ने लिखा, 1 सितंबर 1937 के पत्र में नेहरू ने तंज कसते हुए कहा कि वंदे मातरम को देवी से जोड़ना बेतुकी बात है। उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रीय गीत के लिए उपयुक्त नहीं है।
इस खुलासे से यह स्पष्ट होता है कि नेहरू ने धार्मिक दृष्टि से कुछ छंद हटाने का फैसला पहले से ही कर लिया था। सीआर केसवन ने राहुल गांधी को भी निशाने पर लिया और कहा:
'1937 में नेहरू ने मां दुर्गा का नाम हटाया, तो मार्च 2024 में राहुल गांधी ने कहा कि हिंदू धर्म में ‘शक्ति’ नामक शब्द के खिलाफ लड़ाई है। नेहरू की हिंदू-विरोधी सोच आज राहुल में साफ दिखती है। हाल ही में उन्होंने छठ पूजा को ड्रामा कहकर करोड़ों श्रद्धालुओं की भावनाओं को आहत किया।'
बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस हमेशा सांप्रदायिक वोटबैंक की राजनीति करती रही है। वंदे मातरम गीत बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय के उपन्यास ‘आनंदमठ’ से आया है। यह स्वतंत्रता संग्राम का प्रतीक बना और भारतीय जनता के लिए देशभक्ति का संदेश रहा।











