Happy Kali Chaudas 2024: जानें तारीख, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व काली चौदस 2024 कब है

Happy Kali Chaudas 2024: जानें तारीख, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व काली चौदस 2024 कब है
Last Updated: 14 घंटा पहले

Kali Chaudas 2024: काली चौदस, जो कि दिवाली से एक दिन पहले मनाया जाता है, इस बार 30 अक्टूबर 2024 (बुधवार) को है। यह पर्व देवी काली की आराधना के लिए समर्पित है, जिन्हें शक्ति, सुरक्षा और नकारात्मकता के नाश की देवी माना जाता है। काली चौदस, जिसे 'नरक चौदस' भी कहा जाता है, केवल देवी काली की आराधना का दिन नहीं है, बल्कि यह बुराई और नकारात्मकता के खिलाफ एक सशक्त संघर्ष का प्रतीक भी है। इस दिन देवी काली का ध्यान करना एक आध्यात्मिक प्रक्रिया है, जिसके माध्यम से भक्त अपने मन की शांति और सुरक्षा प्राप्त करते हैं। काली चौदस का पर्व एक प्राचीन मान्यता से जुड़ा हुआ है, जिसमें देवी काली को बुराई के प्रतीक के रूप में देखा जाता है। कहा जाता है कि इस दिन देवी काली ने नरकासुर नामक राक्षस का वध किया था, जो अत्यंत दुष्ट और शक्तिशाली था। इस दिन उनकी पूजा करने से भक्त नकारात्मकता से मुक्ति पाते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति करते हैं।

काली चौदस 2024 तिथि

काली चौदस 2024 की तिथि 30 अक्टूबर है। इस दिन देवी काली की पूजा की जाती है, जो दीपावली से एक दिन पहले मनाया जाता है। इस दिन भक्त देवी काली से बुरी शक्तियों से मुक्ति और सकारात्मकता की प्रार्थना करते हैं।

काली चौदस 2024 शुभ मुहूर्त

काली चौदस 2024 का शुभ मुहूर्त 30 अक्टूबर को होगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह की अमावस्या तिथि 30 अक्टूबर को दोपहर 03:52 बजे शुरू होगी और 31अक्टूबर को शाम 06:16 बजे समाप्त होगी। इस दिन देवी काली की पूजा विशेष रूप से निशिता काल में की जाती है, जो आमतौर पर रात के समय होता है। इस दौरान भक्त मां काली की आराधना करते हैं।

काली चौदस की पूजा विधि

स्थान की सफाई: पूजा के दिन सबसे पहले पूजा स्थल को साफ करें और गंगाजल छिड़कें।

प्रतिमा की स्थापना: मां काली की प्रतिमा को स्नान कराकर उन पर नए वस्त्र पहनाएं।

दीप जलाना: पूजा स्थल पर एक दीपक जलाएं और देवी काली को अर्घ्य दें।

पूजा सामग्री: फूल, मिठाई, फल आदि सामग्री तैयार रखें और उन्हें देवी काली के चरणों में अर्पित करें।

मंत्रों का जाप: देवी काली के विशेष मंत्रों का जाप करें, जैसे " क्लीं काली"

आरती: पूजा के बाद मां काली की आरती करें।

प्रसाद वितरण: पूजा के अंत में प्रसाद का वितरण करें और स्वयं भी प्रसाद ग्रहण करें।

ध्यान और प्रार्थना: देवी काली से बुरी शक्तियों से रक्षा और जीवन में सकारात्मकता के लिए प्रार्थना करें।

इस विधि से की गई पूजा से मानसिक और शारीरिक दुखों से मुक्ति की प्रार्थना की जाती है।

काली चौदस का महत्व

शक्ति की देवी की पूजा: काली चौदस देवी काली को समर्पित है, जो शक्ति, सुरक्षा और बुराई के नाश की देवी मानी जाती हैं। इस दिन उनकी पूजा करने से भक्तों को बुराइयों से मुक्ति मिलती है।

नकारात्मकता का नाश: इस दिन देवी काली की आराधना करने से नकारात्मक ऊर्जा और बुरी शक्तियों का नाश होता है। यह दिन मानसिक और शारीरिक दुखों से मुक्ति पाने का अवसर प्रदान करता है।

सकारात्मक ऊर्जा का संचार: काली चौदस पर देवी की पूजा से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जिससे सुख-शांति का वातावरण बनता है।

आत्मविश्वास की वृद्धि: देवी काली को आत्मविश्वास और शक्ति की देवी माना जाता है। उनकी पूजा से भक्तों में आत्मविश्वास बढ़ता है और उन्हें नए कार्य आरंभ करने की प्रेरणा मिलती है।

रुके हुए कामों का संपन्न होना: मान्यता है कि इस दिन देवी काली की आराधना करने से रुके हुए कार्य पूरे होते हैं, जिससे व्यक्ति को सफलता की प्राप्ति होती है।

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