भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज का व्रत रखा जाता है। इस वर्ष यह विशेष व्रत 06 सितंबर को रखा जाएगा। हरतालिका तीज का व्रत कुंवारी लड़कियों द्वारा मनचाहे वर पाने और जल्दी शादी के लिए किया जाता है। वहीं, विवाहित महिलाएं इस दिन महादेव और मां पार्वती की पूजा करके अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए इस व्रत का पालन करती हैं।
धार्मिक न्यूज़: हर साल भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज का व्रत मनाया जाता है। यह व्रत मुख्य रूप से सुहागिन महिलाएं और कुंवारी लड़कियां करती हैं। मान्यता है कि हरतालिका तीज के दिन विधिपूर्वक भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से वैवाहिक जीवन में आने वाली समस्याओं का समाधान होता है। इसके अलावा इस व्रत से पति की लंबी उम्र के लिए आशीर्वाद भी मिलता है। आइए, हम हरतालिका तीज का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में विस्तार से जानते हैं।
हरतालिका तीज का शुभ मुहूर्त
शास्त्रों से मिली जानकारी के मुताबिक भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 05 सितंबर 2024 को दोपहर 12 बजकर 23 मिनट पर प्रारंभ होगी। वहीं इस तिथि का समापन 06 सितंबर को दोपहर 03 बजकर 22 मिनट पर हो जाएगा। इस प्रकार हरतालिका तीज का व्रत 06 सितंबर को मनाया जाएगा। इस दिन पूजा करने का शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 02 मिनट से लेकर सुबह 08 बजकर 33 मिनट तक रहेगा।
हरतालिका तीज की पूजा विधि
* सुबह जल्दी उठें और स्नान करके मंदिर की सफाई करें।
* चौकी पर लाल कपड़ा डालकर भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा को स्थापित करें।
* फिर फल, फूल, मिठाई, माला, दुर्वा और बेलपत्र चढ़ाएं।
* मां पार्वती को सोलह श्रृंगार की वस्त्र और सामग्री अर्पित करें।
* प्रतिमा के सामने दीपक और धूपबत्ती जलाएं।
* सच्चे मन से भगवान की आरती और मंत्रों का जाप करें।
* हरतालिका तीज की व्रत कथा का पाठ करें और अपने पति की लंबी उम्र और सुख-शांति की कामना करें।
* प्रभु को खीर, फल, मिठाई आदि का भोग लगाएं।
* अगले दिन व्रत का पारण और मन इच्छा से दान करें।
हरतालिका तीज पर इन मंत्रों का करें जप
१. ऊँ शं शंकराय भवोद्भवाय शं ऊँ नमः
२. नमामिशमीशान निर्वाण रूपं विभुं व्यापकं ब्रह्म वेद स्वरूपं
३. ऊँ शं विश्वरूपाय अनादि अनामय शं ऊँ
४. ऊँ क्लीं क्लीं क्लीं वृषभारूढ़ाय वामांगे गौरी कृताय क्लीं क्लीं क्लीं ऊँ नमः शिवाय
५. ऊँ शं शं शिवाय शं शं कुरु कुरु ऊँ