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आज का पंचांग: स्कन्द षष्ठी और कल्कि जयंती पर बन रहा शुभ संयोग, जानिए दिनभर के शुभ मुहूर्त और राहुकाल

आज का पंचांग: स्कन्द षष्ठी और कल्कि जयंती पर बन रहा शुभ संयोग, जानिए दिनभर के शुभ मुहूर्त और राहुकाल

30 जुलाई 2025, बुधवार का दिन है और आज श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि है। इस तिथि का विशेष धार्मिक महत्व होता है क्योंकि इस दिन भगवान स्कन्द यानी कार्तिकेय की पूजा की जाती है। इसे स्कन्द षष्ठी के रूप में भी जाना जाता है। इसके अलावा आज श्री कल्कि जयंती का पर्व भी है, जो भगवान विष्णु के दसवें अवतार कल्कि के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है।

षष्ठी तिथि और शुभ योगों का खास संयोग

आज की षष्ठी तिथि रात 2 बजकर 42 मिनट तक प्रभावी रहेगी। इस दिन विशेष बात यह है कि आज सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग जैसे दो शुभ योगों का भी निर्माण हो रहा है। सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 5 बजकर 41 मिनट से लेकर रात 9 बजकर 53 मिनट तक रहेगा। इसी समयावधि में रवि योग भी प्रभावी रहेगा। ये दोनों योग किसी भी शुभ काम की शुरुआत के लिए बहुत ही लाभकारी माने जाते हैं।

हस्त नक्षत्र का प्रभाव

आज हस्त नक्षत्र भी है, जो रात 9 बजकर 53 मिनट तक रहेगा। हस्त नक्षत्र को अत्यंत शुभ नक्षत्रों में गिना जाता है। इस दौरान किए गए कार्यों में सफलता की संभावना बढ़ जाती है। खासतौर पर व्यापार, खरीदारी, संपत्ति से जुड़ा निवेश और धार्मिक कार्यों के लिए यह नक्षत्र अनुकूल माना जाता है।

सिद्ध योग का महत्व

आज देर रात 3 बजकर 40 मिनट तक सिद्ध योग भी बना रहेगा। इस योग में कोई भी काम करने से उसका अच्छा फल प्राप्त होता है। विशेष रूप से अध्यात्म, पूजा-पाठ, व्रत, मंत्र-जाप या साधना से जुड़े कार्य इस योग में किए जाएं तो उनका फल कई गुना अधिक मिलता है।

कल्कि जयंती का महत्व

आज का दिन कल्कि जयंती का भी है। मान्यता है कि कलियुग के अंत में भगवान विष्णु कल्कि अवतार लेकर अधर्म का नाश करेंगे और धर्म की स्थापना करेंगे। कल्कि अवतार घोड़े के समान तेज गति वाला और शस्त्रधारी रूप माना जाता है। इस दिन व्रत, पूजा और दान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है।

सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

आज सूर्योदय प्रातः 5 बजकर 41 मिनट पर हुआ है और सूर्यास्त शाम 7 बजकर 13 मिनट पर होगा। वहीं चंद्रमा का उदय सुबह 10 बजकर 44 मिनट पर और चंद्रास्त रात 10 बजकर 28 मिनट पर होगा। चंद्रमा आज कन्या राशि में रहेगा।

दिनभर के प्रमुख शुभ मुहूर्त

  • ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 4 बजकर 18 मिनट से 5 बजकर 00 मिनट तक
  • प्रातः संध्या – सुबह 4 बजकर 39 मिनट से 5 बजकर 41 मिनट तक
  • विजय मुहूर्त – दोपहर 2 बजकर 43 मिनट से 3 बजकर 37 मिनट तक
  • गोधूलि मुहूर्त – शाम 7 बजकर 13 मिनट से 7 बजकर 34 मिनट तक
  • सायाह्न संध्या – शाम 7 बजकर 13 मिनट से रात 8 बजकर 16 मिनट तक
  • अमृत काल – दोपहर 3 बजकर 16 मिनट से शाम 5 बजकर 2 मिनट तक
  • निशिता मुहूर्त – रात 12 बजकर 7 मिनट से 12 बजकर 49 मिनट (31 जुलाई की रात)

राहुकाल के समय से रहें सावधान

राहुकाल को अशुभ काल माना जाता है और इस दौरान कोई भी नया कार्य शुरू करना वर्जित होता है। अलग-अलग शहरों में राहुकाल के समय कुछ भिन्न हो सकते हैं:

  • दिल्ली – दोपहर 12 बजकर 27 मिनट से 2 बजकर 9 मिनट तक
  • मुंबई – दोपहर 12 बजकर 45 मिनट से 2 बजकर 22 मिनट तक
  • चंडीगढ़ – दोपहर 12 बजकर 29 मिनट से 2 बजकर 12 मिनट तक
  • लखनऊ – दोपहर 12 बजकर 13 मिनट से 1 बजकर 53 मिनट तक
  • भोपाल – दोपहर 12 बजकर 26 मिनट से 2 बजकर 6 मिनट तक
  • कोलकाता – सुबह 11 बजकर 43 मिनट से 1 बजकर 22 मिनट तक
  • अहमदाबाद – दोपहर 12 बजकर 46 मिनट से 2 बजकर 25 मिनट तक
  • चेन्नई – दोपहर 12 बजकर 15 मिनट से 1 बजकर 50 मिनट तक


पंचांग के अनुसार राशियों पर प्रभाव

आज का दिन विशेष रूप से कन्या, तुला, और मकर राशि वालों के लिए शुभ संकेत दे रहा है। इन राशियों के जातकों को धन लाभ, मान-सम्मान और नए अवसर प्राप्त हो सकते हैं। वहीं मिथुन और धनु राशि के लोगों को थोड़ी सावधानी बरतने की आवश्यकता हो सकती है, खासतौर पर राहुकाल के समय कोई नया कार्य न करें।

पूजा और धार्मिक कार्यों के लिए अनुकूल समय

आज का दिन धार्मिक कार्यों, व्रत और पूजा-पाठ के लिए बेहद शुभ है। सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान ध्यान और जप-तप करें। दोपहर में विजय मुहूर्त और शाम को गोधूलि के समय पूजा करना विशेष लाभकारी माना जाता है। कल्कि जयंती और स्कन्द षष्ठी के अवसर पर मंदिरों में विशेष आयोजन भी हो सकते हैं।

आज के दिन भक्त भगवान विष्णु और उनके अवतारों की पूजा करके अपने जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की कामना करते हैं। साथ ही जिन लोगों की संतान प्राप्ति की इच्छा है, वे स्कन्द षष्ठी का व्रत रखकर भगवान कार्तिकेय से आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।

आज का दिन शुभता और साधना से भरपूर

30 जुलाई 2025 का यह दिन अपने साथ कई धार्मिक और ज्योतिषीय संयोग लेकर आया है। स्कन्द षष्ठी, कल्कि जयंती, हस्त नक्षत्र, सिद्ध योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग जैसे संयोगों के चलते यह दिन खास बन गया है। ऐसे में श्रद्धालु जन धर्म-कर्म में लीन होकर आज का पूरा दिन सकारात्मकता के साथ बिता सकते हैं।

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