पितृ पक्ष 2025 इस साल 7 सितंबर से 21 सितंबर तक मनाया जाएगा। इस दौरान श्राद्ध और ब्राह्मण भोजन कराना परंपरा मानी जाती है। मान्यता है कि श्राद्ध भोजन में बंदगोभी, कुम्हड़ा और कुछ अन्य सब्जियों-दालों का परहेज करना जरूरी है, वरना पितर अप्रसन्न होकर लौट जाते हैं।
Pitru Paksha 2025: इस साल पितृ पक्ष का शुभ समय 7 सितंबर से 21 सितंबर तक रहेगा। यह अवधि पूर्वजों की आत्मा की शांति और तृप्ति के लिए बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है। पूरे भारत में लोग अपने पितरों को याद करते हुए श्राद्ध और ब्राह्मण भोजन कराते हैं। धार्मिक मान्यता है कि श्राद्ध भोजन सात्विक और शुद्ध होना चाहिए। बंदगोभी, कुम्हड़ा सहित कुछ खास सब्जियों और दालों का प्रयोग वर्जित है। माना जाता है कि इन नियमों का पालन करने से पितर प्रसन्न होते हैं और परिवार पर आशीर्वाद बना रहता है।
किन सब्जियों का परहेज जरूरी है
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पितृ पक्ष में श्राद्ध के भोजन में बंदगोभी और कुम्हड़ा की सब्जी नहीं बनानी चाहिए। कहा जाता है कि पितर इन सब्जियों को स्वीकार नहीं करते और अतृप्त होकर लौट जाते हैं। इसका असर परिवार पर पड़ता है और दोष लगने की आशंका रहती है।
किन चीजों का सेवन न करें
पंडितों के मुताबिक, पितृ पक्ष में केवल बंदगोभी और कुम्हड़ा ही नहीं बल्कि कई अन्य सब्जियों और दालों का सेवन भी वर्जित है। इसमें शकरकंद, मूली, गाजर, शलजम, चुकंदर, अरबी और सूरन शामिल हैं। दालों में मसूर, उड़द, चना और सत्तू से भी परहेज करने की सलाह दी जाती है।
श्राद्ध भोजन के नियम
श्राद्ध के भोजन में प्याज और लहसुन का इस्तेमाल सख्त मना है। भोजन हमेशा सात्विक होना चाहिए और बनाने से पहले स्नान करके शुद्ध व्रत का पालन करना चाहिए। खाना पकाते समय स्वच्छता का ध्यान रखना और बिना चप्पल पहने रसोई में प्रवेश करना भी परंपरा का हिस्सा है।
पंडितों का मानना है कि इन नियमों का पालन करने से पितरों की आत्मा को तृप्ति मिलती है और परिवार पर उनका आशीर्वाद बना रहता है।