Holashtak 2025: इन चीजों का दान करने से नहीं पड़ेगा अशुभ प्रभाव, खुलेंगे सौभाग्य के द्वार

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होली से पहले आने वाले आठ दिन यानी होलाष्टक को हिंदू धर्म में अशुभ माना जाता है। इस दौरान कोई भी मांगलिक कार्य नहीं किए जाते, लेकिन दान-पुण्य को अत्यंत शुभ माना गया है। माना जाता है कि इस अवधि में किए गए दान से सभी नकारात्मक प्रभाव समाप्त हो जाते हैं और जीवन में सौभाग्य का संचार होता है। आइए जानते हैं होलाष्टक 2025 में कौन-से दान सबसे अधिक फलदायी माने गए हैं।

होलाष्टक 2025 कब से कब तक?

इस वर्ष होलाष्टक 7 मार्च 2025 से शुरू होकर 13 मार्च 2025 तक रहेगा। इस दौरान विवाह, गृह प्रवेश और अन्य शुभ कार्य वर्जित माने जाते हैं, लेकिन धार्मिक अनुष्ठान, पूजा-पाठ और दान करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।

होलाष्टक में कौन-सा दान करना शुभ होगा?

* दीप दान

होलाष्टक के दौरान दीप जलाने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और घर में सकारात्मकता का संचार होता है। माना जाता है कि दीप दान करने से आर्थिक संकट भी दूर हो जाते हैं।

* अनाज और जल का दान

इस दौरान अन्न, जल और धन का दान करना अत्यंत पुण्यदायी माना जाता है। विशेष रूप से गरीबों को अन्न दान करने से घर में बरकत बनी रहती है और हर तरह की बाधाएं दूर होती हैं।

* शृंगार सामग्री का दान

महिलाओं के लिए 16 शृंगार का दान करना बेहद शुभ माना जाता है। इससे वैवाहिक जीवन में सुख-शांति बनी रहती है और अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

होलाष्टक का धार्मिक महत्व

मान्यता है कि होलाष्टक के दौरान भगवान विष्णु ने प्रह्लाद की भक्ति की परीक्षा ली थी और इस दौरान पृथ्वी पर नकारात्मक शक्तियां प्रभावी हो जाती हैं। ऐसे में दान-पुण्य करने से इन अशुभ प्रभावों से बचा जा सकता है और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

कब होगा होलाष्टक का समापन?

होलाष्टक का समापन 13 मार्च 2025 को होलिका दहन के साथ होगा। इसके अगले दिन यानी 14 मार्च को पूरे देश में रंगों का त्योहार होली धूमधाम से मनाया जाएगा।

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