Kajri Teej 2024: रक्षाबंधन के बाद कब है कजरी तीज? क्यों हैं करवा चौथ जितनी अहम ? जानें डेट, शुभ मुहूर्त, और महत्त्व

Kajri Teej 2024: रक्षाबंधन के बाद कब है कजरी तीज? क्यों हैं करवा चौथ जितनी अहम ? जानें डेट, शुभ मुहूर्त, और महत्त्व
Last Updated: 21 अगस्त 2024

Kajri Teej 2024: रक्षाबंधन के बाद कब है कजरी तीज? क्यों हैं करवा चौथ जितनी अहम ? जानें डेट, शुभ मुहूर्त, और महत्त्व 

कजरी तीज (Kajri Teej) पर सुहागिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करके गौरी-शंकर की पूजा करती हैं और अपने पति की लंबी उम्र तथा संतान की खुशहाली के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। इसके साथ ही यह भी मान्यता है कि कुंवारी कन्याएं यदि इस व्रत को करती हैं, तो उन्हें योग्य वर की प्राप्ति हो सकती है। इस विशेष अवसर पर, आइए जानते हैं कि कजरी तीज के दिन किन बातों का ध्यान रखना आवश्यक है।

Kajri Teej Pooja 2024: हिंदू पंचांग के अनुसार, कजरी तीज का व्रत हर वर्ष भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। कई स्थानों पर इसे कज्जली तीज या सातुड़ी तीज के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन विशेष रूप से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। इसके साथ ही, इस दिन नीमड़ी माता की उपासना करने का भी प्रचलन है।

Kajari Teej 2024 का शुभ Muhurat

इस वर्ष (2024) भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि का आरंभ 21 अगस्त, 2024 को शाम 05:06 बजे हो रहा है। वहीं, इस तिथि का समापन 22 अगस्त, 2024 को दोपहर 01 बजकर 46 मिनट पर होगा। इस प्रकार, उदया तिथि के अनुसार, कजरी तीज का व्रत धूमधाम से गुरुवार, 22 अगस्त को मनाया जाएगा।

कजरी तीज की पूजा विधि

हिंदू पंचांग के अनुसार, कजरी तीज (Kajari Teej 2024) व्रत के अवसर पर,

- ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि से निवृत होना आवश्यक है।

- इसके बाद, व्रत करने वाली महिलाएं निर्जला उपवास करने का संकल्प लें।

- पूजा स्थल की सफाई करने के बाद, एक चौकी पर लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछाएं।

- और उस चौकी पर शिव और मां पार्वती की मूर्ति रखें।

- इस दिन,व्रत करने वाली महिलाएं शिव-पार्वती की मूर्तियां मिट्टी से बनाती हैं।

- और गौरी-शंकर की विधिपूर्वक पूजा करती हैं।

- विधि के दौरा माता गौरी को 16 शृंगार की सामग्री अर्पित करें और भगवान शिव को बेलपत्र, दूध, गंगा जल आदि अर्पित करें।

- इसके पश्चात, कजरी तीज की कथा का उच्चारण करें।

- रात में चंद्र देव की पूजा करें, उन्हें अर्घ्य दें, और फिर अपना व्रत खोलें।

भूलकर भी करें ये गलतियां

आपको बता दें कि कजरी तीज के अवसर पर व्रत करने वाली महिलाओं के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे सफेद और काले रंग के कपड़े पहनने से बचें, क्योंकि ऐसा करना अशुभ माना जाता है। इस विशेष दिन पर हरे, पीले और लाल रंग के वस्त्र पहनना अत्यंत शुभ माना जाता है। इसके अलावा, व्रत के दिन महिलाओं को अपने हाथों में मेहंदी लगाना अनिवार्य है। साथ ही, उन्हें चूड़ियां भी पहननी चाहिए, क्योंकि इस दिन खाली हाथ रहना अशुभ समझा जाता है।

कजरी तीज के दिन इन बातों का रखें ध्यान

रक्षाबंधन के बाद आने वाले इस कजरी तीज के व्रत के दिन महिलाओं को अपने पतियों से किसी भी प्रकार की लड़ाई-झगड़े से बचना चाहिए। इस विशेष अवसर पर किसी का अपमान करना या अपशब्द कहना उचित नहीं होता है। इस दिन महिलाएं गुस्सा करने से भी दूर रहें, क्योंकि ऐसा करने से व्रत का पूरा फल नहीं मिलता। इस पवित्र दिन को शांति और प्रेम के साथ मनाना महत्वपूर्ण है।

 

 

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