बोकारो के बाद अब रांची मे बर्ड फ्लू की दस्तक:बढ़ते खतरे से कैसे बचें ? इंसान मे वायरस के प्रवेश के लक्षण क्या है,

बोकारो के बाद अब रांची मे बर्ड फ्लू की दस्तक:बढ़ते खतरे से कैसे बचें ? इंसान मे वायरस के प्रवेश के लक्षण  क्या है,
Last Updated: 09 मई 2023

झारखंड के कई जिलों में अब बर्ड फ्लू का खतरा बढ़ रहा है। बोकारो के बाद अब रांची में भी बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है। रांची में भी बर्ड फ्लू (एवियन इंफ्लुएंजा) के मामले सामने आये हैं। पशुपालन विभाग ने केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा के आवासीय परिसर में मरी मुर्गियों में बर्ड फ्लू की पुष्टि की इसके बाद पशुपालन निदेशक ने जेल चौक के एक किमी के दायरे में स्थित पोल्ट्री फार्म व मुर्गियों का सर्वे करने का निर्देश जिला पशुपालन पदाधिकारी दिया है।

बोकारो से बर्ड फ्लू के सबसे पहले मामले आये थे, अब दूसरे जिलों में बढ़ रहा है खतरा

रांची नगर निगम से मुर्गी के सैंपल जांच के लिए भोपाल स्थित रांष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान भेजे थे।जहां से यह रिपोर्ट आयी है। कि एच5एन1 (H5N1) यानी बर्ड-फ्लू के बढ़ते खतरे को देखते हुए बोकारो में लगभग 4 हजार से अधिक बतख (डक) और मुर्गियों (चिकन) को मार दिया गया है। अब रांची में इसके मामले सामने आने के बाद यह खतरा दूसरे जिलों में भी फैलने का अनुमान लगाया जा रहा है।
रांची में यह खतरा कितना बड़ा
रांची में कितनी मुर्गे मुर्गियों औऱ बत्तख में यह फैल चुका है इसकी स्पष्ट जानकारी अबतक नहीं मिल सकी है। प्रशासन इसको फैलने से रोकने के लिए जरूरी कार्रवाई कर रहा है। बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद केंद्रीय मत्स्य एवं पशुपालन मंत्रालय ने राज्य के मुख्य सचिव को पत्र भेजकर निर्धारित प्रोटोकाल के तहत आवश्यक सभी कार्रवाई सुनिश्चित करने का आदेश दिया है।
क्या कर रहा है विभाग और प्रशासन
राज्य पशुपालन निदेशक, चंदन कुमार ने भी इन्फेक्शन फैले क्षेत्र के 1 किमी के दायरे को प्रभावित क्षेत्र घोषित करके पक्षियों को मारने के लिए पहचान करने का निर्देश दिया है । 10 किमी के दायरे के क्षेत्रों को निगरानी क्षेत्र घोषित किया जाएगा। सर्वेक्षण का दायरा बढ़ाने पर भी फैसला लिया गया है। सभी सारे पोल्ट्री का सर्वेक्षण किया जायेगा। संक्रमित मुर्गियों को मारने का फैसला लिया जायेगा। ध्यान रहे कि राज्य में सबसे पहले बोकारो में कड़कनाथ में बर्ड फ्लू फैलने की पुष्टि हुई थी। मुर्गियों और बत्तख सहित कुल 3,856 पक्षियों को मारा गया है।

बर्ड फ्लू से कैसे बचा जा सकता है?
एम्स, नई दिल्ली से डीएम कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर संजय कुमार चुघ कहते हैं कि इसका कारगर उपाय है कि आप पक्षियों से सीधे संपर्क में न आएं। उनकी बीट को न छुएं। जहां पक्षी रहते हैं, वहां बिल्कुल न जाएं। जो लोग अंडा या मुर्गी-मुर्गा खाते हैं, वे इसे खरीदने जाएं तो साफ-सफाई का ध्यान रखें। खरीददारी के वक्त और मीट काटने के दौरान ग्लव्ज पहनें। इसके तुरंत बाद हाथ सैनिटाइज करें या साबुन से हाथ धोएं। नॉनवेज अच्छे से पकाकर ही खाएं, इससे रिस्क खत्म हो जाता है।

बर्ड फ्लू से इंसान कैसे संक्रमित हो सकता है?
संक्रमित पक्षी के मल, नाक, मुंह या आंखों से निकलने वाले पदार्थ के संपर्क में आने पर इंसान संक्रमित हो सकता है।
यह वायरस इंसानों में आंख, नाक और मुंह के जरिए प्रवेश कर सकता है।
कच्चे और दूषित पोल्ट्री प्रोडक्ट खाने से भी आप संक्रमित हो सकते हैं।
ज्यादातर मामलों में देखा गया कि इंसानों में इन्फ्लूएंजा A (H5N1) और A (H7N9) वायरस जिंदा या मृत संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आने से पहुंचा।

बर्ड फ्लू के लक्षण कौन से हैं?
डॉ. संजय कहते हैं कि बर्ड फ्लू के सारे लक्षण वायरल वाले ही हैं। इसमें भी जुकाम, खांसी, बुखार, बदन दर्द और मांसपेशियों में दर्द होता है। इनके अलावा सांस फूलने की शिकायत, नाक से खून, आंख लाल होना, डायरिया, पेट में दर्द भी हो सकता है। फेफड़े डैमेज हो जाने से सांस फूलती है।

 

वे लोग जो पक्षियों के संपर्क में आते हैं, उन्हें सारे बचाव के तरीके कोरोना वाले ही अपनाने चाहिए। इसके सिंप्टम्स दिखने के बाद तुरंत हास्पिटल में एडमिट हो जाएं या आइसोलेशन में जाएं और ज्यादा बीमार मरीजों को इंटेंसिव केयर की जरूरत होती है।

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