अंतर्राष्ट्रीय चीता दिवस (International Cheetah Day) 4 दिसंबर को मनाया जाता है, जो कि खासतौर पर चीता संरक्षण के लिए समर्पित है। इस दिन को डॉ. लॉरी मार्कर के योगदान के सम्मान में मनाया जाता है, जिन्होंने चीता संरक्षण के लिए बहुमूल्य काम किया है और चीता संरक्षण फंड (CCF) की स्थापना की। 4 दिसंबर को चीता के बारे में जागरूकता बढ़ाने और इन जानवरों को संरक्षण देने के लिए यह दिवस मनाया जाता हैं।
चीता, जो कि पृथ्वी के सबसे तेज़ भूमि जीवों में से एक है, आज संकटग्रस्त है। यह दिन चीता की घटती हुई संख्या और उनके अस्तित्व को बचाने के लिए समाज को जागरूक करने का अवसर प्रदान करता है। चीता की संख्या में लगातार गिरावट आ रही है, मुख्यत: इनके प्राकृतिक आवास का संकुचन, शिकार, और मानव-वन्यजीव संघर्ष के कारण।
इस दिन को मनाने के तहत कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जैसे कि चीता संरक्षण के लिए धन जुटाने के प्रयास, जागरूकता अभियान, और समुदायों को इन अद्वितीय जानवरों की सुरक्षा की आवश्यकता के बारे में शिक्षा देना।
अंतर्राष्ट्रीय चीता दिवस 2024
4 दिसंबर को पूरी दुनिया में अंतर्राष्ट्रीय चीता दिवस मनाया जाता है। यह दिन, जो चीतों की अद्वितीय गति और सुंदरता को सम्मानित करने के लिए समर्पित है, हमें याद दिलाता है कि चीतों को बचाने की जरूरत कितनी अहम है। चीतों की स्पीड, जो लगभग 112 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती है, उन्हें प्रकृति की सबसे तेज़ जंगली जानवर बनाती है। लेकिन इस शानदार प्रजाति को गंभीर खतरे का सामना करना पड़ रहा है। अफ्रीका में चीते अब सबसे ज़्यादा संकट में पड़ी बड़ी बिल्लियाँ बन चुकी हैं, और उनके अस्तित्व को बचाना एक जरूरी कार्य बन गया हैं।
अंतर्राष्ट्रीय चीता दिवस की शुरुआत
• अंतर्राष्ट्रीय चीता दिवस की शुरुआत 2010 में हुई, जब डॉ. लॉरी मार्कर, जिन्होंने चीता संरक्षण कोष की स्थापना की, ने 4 दिसंबर को इस दिन को मनाने का निर्णय लिया। यह तारीख उनके द्वारा पाले गए चीते खय्याम के जन्मदिन से जुड़ी हुई है, जिसने चीते के संरक्षण के प्रति उनके प्रयासों को नया मोड़ दिया था।
• डॉ. मार्कर ने 1977 में पहली बार चीतों के संरक्षण पर काम शुरू किया था। उन्होंने नामीबिया में चीतों के संरक्षण का काम किया, खासकर उन चीते किसानों द्वारा मारे जा रहे थे, जो इन्हें अपने पशुओं के लिए खतरा मानते थे। उनका यह प्रयोग सफल रहा, और इसके बाद उन्होंने स्थानीय समुदायों के साथ मिलकर चीते और उनके संरक्षण पर काम शुरू किया।
चीतों का संकट
आज की तारीख में, चीतों की संख्या 7,100 से भी कम रह गई है। पिछले 40 सालों में, इनकी आबादी में 50% की गिरावट आई है। कारण कई हैं, जिनमें मुख्य रूप से इनका आवास समाप्त होना, शिकार और किसानों द्वारा इनका वध शामिल हैं। इन समस्याओं के समाधान के लिए वैश्विक स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन अगर हमें चीतों को बचाना है, तो हमें अभी और अधिक प्रयास करने होंगे।
अंतर्राष्ट्रीय चीता दिवस का महत्व
अंतर्राष्ट्रीय चीता दिवस सिर्फ एक दिन नहीं है जब हम चीतों को याद करते हैं। यह दिन हमें यह सोचने का अवसर देता है कि हम चीतों के संरक्षण के लिए क्या कर सकते हैं। यह हमें यह भी समझाता है कि हर एक व्यक्ति का योगदान कितना महत्वपूर्ण हो सकता हैं।
आखिरकार, डॉ. मार्कर और उनके साथी संरक्षणकर्ताओं के प्रयासों ने हमें यह सिखाया कि अगर हम सभी मिलकर काम करें तो हम न केवल चीतों बल्कि अन्य संकटग्रस्त प्रजातियों को भी बचा सकते हैं।
इसे कैसे मनाएं?
• दान करें आप चीता संरक्षण कोष में दान करके अपने योगदान का हिस्सा बन सकते हैं।
• जागरूकता फैलाएं अपने परिवार और दोस्तों को चीतों के बारे में जानकारी दें और उन्हें बताएं कि इनका संरक्षण क्यों महत्वपूर्ण हैं।
• वन्यजीवों का समर्थन करें चीतों के लिए वन्यजीव संरक्षण स्थलों का समर्थन करें और उनसे जुड़ें।
चीते के बारे में दिलचस्प तथ्य
• चीते दहाड़ते नहीं हैं, बल्कि म्याऊं और गुर्राहट करते हैं।
• उनके शरीर पर जो धब्बे होते हैं, वे सिर्फ फर पर नहीं होते, बल्कि त्वचा तक गहरे होते हैं।
• चीते अपनी आँखों को सूरज से बचाने के लिए विशेष आंसू के निशान के साथ पैदा होते हैं।
अंतर्राष्ट्रीय चीता दिवस हमें यह सिखाता है कि हमें अपनी प्रकृति और इन अद्भुत प्राणियों का संरक्षण करना चाहिए। इस दिन को मनाने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि हम चीते और अन्य संकटग्रस्त प्रजातियों के संरक्षण की दिशा में योगदान दें।
आइए, हम सब मिलकर एक ऐसी दुनिया बनाने की दिशा में काम करें, जहाँ चीतों जैसे अद्भुत जीव सुरक्षित रहें और हमारे आने वाली पीढ़ियों को भी यह देखने का मौका मिले।