1952 में, नेशन ऑफ़ इस्लाम के केवल 400 सदस्य और चार मंदिर थे, जिससे मैल्कम एक्स निराश थे। उन्होंने इसे बढ़ाने के लिए पूर्वी तट पर यात्रा की और छह महीनों में 30,000 मील का सफर तय किया। उनकी ऊर्जा और नेतृत्व ने संगठन को तेजी से बढ़ाया, और वह हार्लेम के मुख्य मंदिर के नेता बने। दशक के अंत तक, नेशन ऑफ़ इस्लाम के 49 मंदिर हो चुके थे।
एलिजा मुहम्मद के राष्ट्रीय प्रतिनिधि के रूप में, मैल्कम ने अश्वेत आत्मनिर्भरता का प्रचार किया और पुलिस बर्बरता के खिलाफ मुखर रहे। 1959 में माइक वालेस की डॉक्यूमेंट्री "द हेट दैट हेट प्रोड्यूस्ड" से उनकी राष्ट्रीय पहचान और बढ़ी।
नेशन ऑफ इस्लाम की बढ़ती लोकप्रियता में मैल्कम एक्स की भूमिका
1952 में जेल से रिहा होने के बाद, मैल्कम एक्स ने नेशन ऑफ इस्लाम से जुड़कर नए अनुयायियों को संगठित किया। उन्होंने अपना उपनाम "लिटिल" छोड़कर "X" अपनाया और जल्द ही एलिजा मुहम्मद के करीबी बन गए। मंत्री बनने के बाद, उन्होंने बोस्टन और फिलाडेल्फिया में मस्जिदें स्थापित कीं और हार्लेम मस्जिद का नेतृत्व किया। उन्होंने संगठन का अख़बार शुरू किया, विश्वविद्यालयों में व्याख्यान दिए, नागरिक अधिकार नेताओं से बहस की और विदेशी नेताओं से मुलाकात की।
हर जगह, मैल्कम एक्स ने श्वेत नस्लवाद के खिलाफ़ मुखर होकर आवाज़ उठाई। उनका प्रभावशाली अंदाज लोगों को झकझोर देता था, जैसे जब उन्होंने कहा, "हम प्लायमाउथ रॉक पर नहीं उतरे, मेरे भाइयों और बहनों – प्लायमाउथ रॉक हम पर उतरा!"
उनके अथक प्रयासों का असर दिखा। जिस नेशन ऑफ इस्लाम में उनके जुड़ने से पहले सिर्फ कुछ सौ सदस्य थे, वह 1955 तक 6,000 तक पहुंच गया और 1960 के दशक की शुरुआत में लगभग 75,000 का आंकड़ा पार कर गया। उनके प्रभाव ने न सिर्फ मुसलमानों, बल्कि अन्य लोगों को भी आकर्षित किया। लेखक एलेक्स हेली भी उनके प्रभावशाली भाषणों से प्रभावित हुए और बाद में मैल्कम एक्स के साथ उनकी आत्मकथा पर काम किया।
मैल्कम एक्स के प्रेरक उद्धरण
मैल्कम एक्स ने अपने जोशीले भाषणों और क्रांतिकारी विचारों से लाखों लोगों को प्रभावित किया। उनका एक प्रसिद्ध कथन था:"हम प्लायमाउथ रॉक पर नहीं उतरे, मेरे भाइयों और बहनों – प्लायमाउथ रॉक हम पर उतरा!" उनके शब्द अन्याय और नस्लीय भेदभाव के खिलाफ उनके संघर्ष को दर्शाते हैं। उनके विचार आज भी स्वतंत्रता, आत्मनिर्भरता और समानता की प्रेरणा देते हैं।