Meghalaya Founation Day: हर साल 21 जनवरी को मेघालय स्थापना दिवस मनाया जाता है, जो न केवल राज्य की ऐतिहासिक उपलब्धियों का प्रतीक है, बल्कि भारतीय संघ में इसकी स्वतंत्र और विशेष पहचान का उत्सव भी हैं।
कैसे बना 'बादलों का निवास' मेघालय?
• 21 जनवरी 1972 को मेघालय को असम से अलग कर पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया।
• 1971 में पारित पूर्वोत्तर क्षेत्र पुनर्गठन अधिनियम के तहत इसे राज्य के रूप में मान्यता दी गई।
• "मेघालय" शब्द संस्कृत से लिया गया है, जिसका अर्थ है "बादलों का निवास।"
• मेघालय को अपनी खूबसूरत पहाड़ियों, घने जंगलों और बादलों से ढके परिदृश्य के कारण "पूर्व का स्कॉटलैंड" कहा जाता हैं।
• त्रिपुरा, मणिपुर और मेघालय तीन राज्यों की नई शुरुआत
• मेघालय के साथ ही त्रिपुरा और मणिपुर को भी 21 जनवरी 1972 को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया।
• इससे पहले, ये रियासतें 1949 में भारत में विलय के बाद केंद्र शासित प्रदेश के रूप में जानी जाती थीं।
• मेघालय खासी, गारो और जयंतिया जनजातियों की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का गढ़ हैं।
• मेघालय की राजधानी शिलॉन्ग अपनी सुंदरता, संगीत प्रेम और शांति के लिए प्रसिद्ध हैं।
• यहां के लोग प्रकृति के करीब रहते हुए अपनी परंपराओं को संजोए हुए हैं।
• शिलॉन्ग का मौसम और संस्कृति इसे भारत का एक अद्वितीय पर्यटन स्थल बनाते हैं।
मेघालय की स्थापना का महत्व
• मेघालय अपनी प्राकृतिक सुंदरता और आदिवासी संस्कृति के लिए जाना जाता हैं।
• यह राज्य भारत के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह पूर्वोत्तर की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता का प्रतिनिधित्व करता हैं।
• राज्य के लोग अपनी परंपराओं को जीवंत रखते हुए आधुनिकता की ओर अग्रसर हैं।
पूर्वोत्तर राज्यों का योगदान
• मेघालय, त्रिपुरा और मणिपुर भारत की एकता और अखंडता को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
• इन राज्यों ने भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को बढ़ावा देने के साथ-साथ अपनी विशिष्टता को भी बनाए रखा हैं।
कैसे मनाया जाता है यह दिन?
• इस दिन मेघालय में भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम, परेड, और लोक नृत्य का आयोजन किया जाता हैं।
• शिलॉन्ग और अन्य शहरों में जनसभाएं और कला प्रदर्शनियां आयोजित की जाती हैं।
युवाओं को प्रेरित करने वाले संदेश
• राज्य सरकार और प्रशासन इस अवसर पर मेघालय की ऐतिहासिक उपलब्धियों को साझा करते हैं।
• प्रधानमंत्री और अन्य गणमान्य नेता पूर्वोत्तर के राज्यों को शुभकामनाएं देते हैं।
शिक्षा और जागरूकता का दिन
इस दिन छात्रों के लिए विशेष क्विज़ और प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है, जिससे वे मेघालय, त्रिपुरा और मणिपुर के इतिहास और संस्कृति को गहराई से समझ सकें।
पूर्वोत्तर पुनर्गठन का इतिहास
• 1947 में भारत की आजादी के समय, पूर्वोत्तर का क्षेत्र असम, नागालैंड, और सीमांत रियासतों तक सीमित था।
• 1949 में त्रिपुरा और मणिपुर भारत में शामिल हुए।
• 1963 में नागालैंड और 1972 में मेघालय और त्रिपुरा को राज्य का दर्जा मिला।
• 1987 में मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश भी संप्रभु राज्य बने।
2024 में स्थापना दिवस की थीम
• इस साल की थीम "पूर्वोत्तर: संस्कृति और विकास का संगम" होने की संभावना है, हालांकि आधिकारिक घोषणा अभी बाकी हैं।
• इस थीम के तहत सांस्कृतिक समृद्धि और आर्थिक प्रगति पर विशेष जोर दिया जाएगा।
समारोह की भावना को कैसे फैलाएं?
• इस दिन के महत्व को ट्विटर, फेसबुक, और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफार्मों पर साझा करें।
• स्थानीय कार्यक्रमों में भाग लें और समुदाय के लोगों को पूर्वोत्तर की विशिष्टता के बारे में शिक्षित करें।
• राज्य के इतिहास और संस्कृति को समझने के लिए शैक्षणिक कार्यक्रमों का आयोजन करें।
मेघालय स्थापना दिवस सिर्फ एक ऐतिहासिक घटना नहीं है, बल्कि यह भारतीय संघ की विविधता और एकता का उत्सव है। यह दिन हमें पूर्वोत्तर राज्यों के योगदान और उनकी अनूठी संस्कृति को सलाम करने का मौका देता है। मेघालय, त्रिपुरा और मणिपुर का यह सफर न केवल गौरवशाली है, बल्कि यह हमें प्रेरणा भी देता है कि कैसे परंपराओं को संभालते हुए आधुनिकता को अपनाया जा सकता हैं।