Relationship Red Flags: रिलेशनशिप में रेड फ्लैग्स को पहचानना है बेहद जरूरी, रिश्ते में गलतफहमियां न आए इसलिए इन 6 बातों के बारे में जानें

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रिश्तों में हम अक्सर अपने पार्टनर की छोटी-छोटी बातों पर जरूरत से ज्यादा सोचने लगते हैं, जिससे कई बार ऐसी बातें भी रेड फ्लैग लगने लगती हैं, जो वास्तव में सामान्य होती हैं। इससे रिश्ते में गलतफहमियां बढ़ सकती हैं और अनावश्यक तनाव उत्पन्न हो सकता है। इसलिए किसी भी नतीजे पर पहुंचने से पहले यह समझना जरूरी है कि हर असहमति या बदलाव को रेड फ्लैग नहीं माना जा सकता। 

हालांकि, रिश्तों में रेड फ्लैग्स को पहचानना जरूरी होता है, क्योंकि ये संकेत देते हैं कि कहीं न कहीं कुछ ठीक नहीं है। लेकिन कई बार हम कुछ सामान्य स्थितियों को भी रेड फ्लैग मान लेते हैं, जबकि वे उतनी गंभीर नहीं होतीं। यह समझदारी से तय करना जरूरी है कि कौन-सी बातें सच में चिंता का विषय हैं और कौन-सी सिर्फ अस्थायी या साधारण परिस्थितियां हैं। गलतफहमियों से बचने और रिश्ते को मजबूत बनाए रखने के लिए हमें इन बातों को समझना होगा। आइए, ऐसी ही 6 चीजों के बारे में जानते हैं, जो दिखने में रेड फ्लैग लग सकती हैं, लेकिन वास्तव में वे सामान्य हो सकती हैं।

1. मैसेज या कॉल के जरिए बात करना

रिश्ते में कम्युनिकेशन बहुत महत्वपूर्ण होता है, लेकिन हर बातचीत का फेस-टू-फेस होना जरूरी नहीं है। टेक्नोलॉजी के इस दौर में कई बार लोग मैसेज या कॉल के जरिए भी अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हैं, और यह पूरी तरह सामान्य है। कुछ लोग इसे रेड फ्लैग समझ सकते हैं कि उनका पार्टनर हर बार आमने-सामने बात करने की बजाय टेक्स्ट पर बातचीत करता है, लेकिन यह हमेशा चिंता की बात नहीं होती। कई बार समय की कमी, स्वभाव या परिस्थितियों के कारण टेक्स्टिंग अधिक सुविधाजनक हो सकती है। जब तक कम्युनिकेशन में पारदर्शिता और ईमानदारी बनी रहती है, तब तक यह किसी भी रिश्ते के लिए समस्या नहीं होनी चाहिए।

2. अपने पार्टनर के पास्ट को जानने की इच्छा

अपने पार्टनर के पास्ट को जानने की इच्छा स्वाभाविक होती है, क्योंकि इससे हम उन्हें बेहतर समझ सकते हैं। कई लोग इसे रेड फ्लैग मानते हैं, यह सोचकर कि यह अविश्वास या असुरक्षा की निशानी है, लेकिन हमेशा ऐसा नहीं होता। किसी के अतीत को जानना सिर्फ जिज्ञासा या उनके अनुभवों को समझने की चाहत हो सकती है, जिससे रिश्ते में अधिक पारदर्शिता और गहराई आ सके। हालांकि, यह महत्वपूर्ण है कि इस विषय पर बातचीत संवेदनशीलता और सम्मान के साथ की जाए। जबरदस्ती सवाल पूछना या पुराने रिश्तों की तुलना करना गलत हो सकता हैं।

3. पार्टनर का अपने लिए समय निकालना

कभी-कभी पार्टनर का अपने लिए समय निकालना या दोस्तों के साथ वक्त बिताना कई लोगों को रेड फ्लैग लग सकता है। उन्हें लग सकता है कि उनका पार्टनर उनसे दूर हो रहा है या रिश्ते में उनकी अहमियत कम हो रही है। लेकिन वास्तव में, यह एक हेल्दी आदत है। हर इंसान को अपने लिए समय चाहिए होता है, जिससे वह खुद को रिलैक्स कर सके और अपनी पसंदीदा चीजें कर सके। यह रिश्ते के लिए भी फायदेमंद होता है, क्योंकि इससे व्यक्ति मानसिक रूप से संतुष्ट और खुश रहता हैं।

4. रिलेशनशिप में झगड़े होना

रिश्ते में झगड़े होना एक सामान्य बात है, लेकिन कई लोग इसे गलत समझकर रेड फ्लैग मान लेते हैं। वे सोचते हैं कि अगर बहस हो रही है, तो रिश्ते में कोई गंभीर समस्या है। जबकि सच यह है कि झगड़े इस बात का संकेत होते हैं कि दोनों पार्टनर अपनी भावनाओं को खुलकर व्यक्त कर रहे हैं। महत्वपूर्ण यह है कि झगड़े किस तरह सुलझाए जाते हैं. अगर दोनों एक-दूसरे की बात सुनते हैं, समाधान निकालते हैं और झगड़े से कुछ सीखते हैं, तो यह रिश्ते को और मजबूत बनाता है। बिना किसी बहस या असहमति के, कई बार असली भावनाएं दबी रह जाती हैं, जो आगे चलकर बड़ी परेशानी का कारण बन सकती हैं। 

5. पार्टनर का दूसरे लोगों से बातचीत करना

कई बार पार्टनर का दूसरे लोगों से बातचीत करना या उनके साथ समय बिताना हमें असुरक्षित महसूस करा सकता है, खासकर अगर वे विपरीत लिंग के हों। इसे रेड फ्लैग मानने की बजाय, यह समझना जरूरी है कि हर किसी का अपना एक सोशल सर्कल होता है, और यह पूरी तरह से सामान्य और हेल्दी है। रिश्ते में भरोसा होना सबसे जरूरी है। अगर किसी व्यवहार को लेकर मन में संदेह या असहजता हो, तो इसे खुद से सोचने के बजाय पार्टनर से खुलकर बात करना ही बेहतर विकल्प हैं। 

6. रिलेशनशिप में पार्टनर का मूड बदलना

रिश्ते में कभी-कभी पार्टनर का मूड बदलना या इमोशनल रूप से उदास होना स्वाभाविक है। इसे रेड फ्लैग मानने से पहले यह समझना जरूरी है कि हर किसी के जीवन में उतार-चढ़ाव आते हैं, जो हमेशा रिश्ते से जुड़े नहीं होते। काम का तनाव, पारिवारिक जिम्मेदारियां या व्यक्तिगत चिंताएं भी इसकी वजह हो सकती हैं। ऐसे समय में पार्टनर का साथ देना, उनकी भावनाओं को समझना और धैर्य रखना रिश्ते को और मजबूत बनाता हैं। 

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