Valentine's Day 2025: क्वीन विक्टोरिया से कैसे जुड़ा है Rose Day का कनेक्शन? जानिए इसके पीछे की बेहद खूबसूरत कहानी

🎧 Listen in Audio
0:00

फरवरी का महीना खासकर प्यार और रोमांस का महीना माना जाता है, क्योंकि इसी महीने में वेलेंटाइन डे मनाया जाता है। वेलेंटाइन वीक की शुरुआत आज (7 फरवरी) रोज डे से होती है, जब प्रेमी अपने पार्टनर को गुलाब देकर अपने प्यार और सम्मान को व्यक्त करते हैं। गुलाब को प्रेम और भावनाओं का प्रतीक माना जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसका ऐतिहासिक संबंध महारानी विक्टोरिया और उनकी प्रेम कहानी से जुड़ा हुआ हैं?

क्वीन विक्टोरिया के शासनकाल (1837-1901) के दौरान, फूलों के माध्यम से अपने भावनाओं को व्यक्त करने की परंपरा काफी लोकप्रिय हुई। इसे "फ्लोरीोग्राफी" कहा जाता था, और गुलाब को इस परंपरा में विशेष स्थान मिला था। गुलाब के विभिन्न रंगों का अलग-अलग अर्थ था: लाल गुलाब प्रेम और सच्चाई का, सफेद गुलाब शुद्धता और सम्मान का, जबकि पीला गुलाब दोस्ती और खुशी का प्रतीक था। 

महारानी विक्टोरिया और उनके प्रेमी, प्रिंस अल्बर्ट के बीच एक मजबूत भावनात्मक संबंध था, और उनके रिश्ते में गुलाब के फूलों का भी महत्व था। इस तरह, गुलाब को प्यार का प्रतीक बनाने में विक्टोरियन युग की अहम भूमिका रही है, जिससे आज भी रोज डे पर इसे प्यार और सम्मान का प्रतीक माना जाता हैं।

क्वीन विक्टोरिया और रोज डे का क्या हैं संबंध?

19वीं सदी में महारानी विक्टोरिया (1837-1901) का शासन ब्रिटेन में सांस्कृतिक बदलावों का समय था, और इसी दौरान फ्लोरियोग्राफी, यानी फूलों की भाषा, को बहुत महत्व मिला। उस समय लोग अपनी भावनाओं को सीधे-सीधे व्यक्त करने में संकोच करते थे, और इसी कारण उन्होंने अपने जज्बातों को जाहिर करने के लिए फूलों का सहारा लिया। विशेष रूप से, गुलाब को प्यार का प्रतीक माना जाने लगा।

क्वीन विक्टोरिया को गुलाब बहुत पसंद थे, और उनके पति प्रिंस अल्बर्ट उन्हें नियमित रूप से गुलाब दिया करते थे। उनकी इस प्यारी परंपरा को देखकर, गुलाब को प्रेम, सच्चाई और भावनाओं का प्रतीक बना दिया गया। यह परंपरा विक्टोरियन समाज में इतनी लोकप्रिय हो गई कि लव लेटर्स और प्रपोजल में गुलाब का आदान-प्रदान आम हो गया।

धीरे-धीरे यह परंपरा पूरे यूरोप और फिर दुनिया भर में फैल गई। और इसी वजह से वेलेंटाइन वीक की शुरुआत रोज डे से करना एक अहम परंपरा बन गई। आज भी रोज डे पर गुलाबों का आदान-प्रदान प्रेम और सम्मान के प्रतीक के रूप में किया जाता है, जो इस ऐतिहासिक परंपरा का हिस्सा हैं।

वेलेंटाइन वीक की शुरुआत रोज से ही क्यों होती है?

गुलाब को प्रेम और जुनून का प्रतीक माना जाता है, विशेष रूप से लाल गुलाब को जो सच्चे प्रेम और रोमांस से जुड़ा हुआ है। गुलाब अपनी खूबसूरती और विभिन्न रंगों के कारण भावनाओं की अभिव्यक्ति का एक अद्भुत तरीका बन गया है। विक्टोरियन युग से चली आ रही परंपरा के अनुसार, अलग-अलग रंगों के गुलाब अलग-अलग भावनाओं को दर्शाते हैं।

* लाल गुलाब: सच्चे प्रेम का प्रतीक माना जाता है, यह रोमांस और जुनून का प्रतीक है।
* पीला गुलाब: दोस्ती और खुशी का प्रतीक होता है, जो किसी के साथ अच्छे रिश्ते और सकारात्मक भावनाओं को दर्शाता है।
* सफेद गुलाब: शांति और पवित्रता का प्रतीक है, जो किसी रिश्ते में शुद्धता और समर्पण को दर्शाता है।
* गुलाबी गुलाब: सम्मान और कृतज्ञता का प्रतीक होता है, जो किसी व्यक्ति के प्रति आभार और स्नेह को दर्शाता है।

वेलेंटाइन डे और संत वेलेंटाइन का कनेक्शन भी बहुत दिलचस्प है। कहा जाता है कि संत वेलेंटाइन ने अपने प्यार की रक्षा के लिए अपना जीवन बलिदान किया था, और उनकी याद में वेलेंटाइन डे को प्यार का उत्सव मनाया जाता हैं।

इतिहास में भी गुलाब का बड़ा महत्व रहा है। मुग़ल शासक जहांगीर अपनी बेगम नूरजहां को रोज एक गुलाब तोहफे में दिया करते थे, क्योंकि नूरजहां को गुलाब बहुत पसंद था। इसी तरह, कई ऐतिहासिक प्रेम कहानियों में गुलाब का जिक्र हुआ है, जिससे यह फूल प्रेमियों के बीच सबसे लोकप्रिय बन गया हैं।

Leave a comment
 

Trending News