World Map History: आखिर गलत क्यों हैं दुनिया का नक्शा, वजह जानकर आप हो जाएंगे हैरान; जानिए विश्व के मैप से जुड़े कुछ रोचक तथ्य

World Map History: आखिर गलत क्यों हैं दुनिया का नक्शा, वजह जानकर आप हो जाएंगे हैरान; जानिए विश्व के मैप से जुड़े कुछ रोचक तथ्य
Last Updated: 05 सितंबर 2024

दुनिया के भूगोल को समझने के लिए हम अक्षर मानचित्र (Map) का इस्तेमाल ही करते हैं, लेकिन आप यह जानकर आश्चर्य चकित हो जाएंगे कि ज्यादातर मैप गलत हैं और इन्हें तोड़-मरोड़कर पेश किया गया हैं। आइए मैप से जुड़े हुए कुछ रोचक तथ्यों के बारे में जानते हैं।

लाइफस्टाइल डेस्क: किसी व्यक्ति द्वारा पूरी दुनिया को देख पाना शायद मुमकिन नहीं है, लेकिन इसे समझने के लिए मानचित्र (World Map History) का इस्तेमाल सभी लोग करते हैं। दुनिया के भूगोल को समझने के लिए हम अक्षर मानचित्र (Map) का इस्तेमाल ही करते हैं, लेकिन आप यह जानकर आश्चर्य चकित हो जाएंगे कि ज्यादातर मैप गलत हैं और इन्हें तोड़-मरोड़कर पेश किया गया हैं। दरअसल विश्व मानचित्र दुनिया की सही तस्वीर को पेश नहीं करता हैं।

ज्यादातर मानचित्र है गलत

वैज्ञानिकों की एक स्टडी में इस बात का खुलासा हो चुका है कि दुनिया के ज्यादातर मैप सटीक होना तो दूर की बात, बल्कि इसके आसपास भी नहीं हैं। वैज्ञानिक तो यहां तक मान रहे हैं कि दुनिया में ऐसा कोई भी नक्शा नहीं बना है, जो सटीकता के किसी भी पैमाने पर पूर्णत खरा उतरता हो, मानचित्र में आकार, फासला, लंबाई इत्यादि में कुछ कुछ गलतियां जरूर हैं। इसलिए वैज्ञानिक ज्यादातर मानचित्र को गलत मानते हैं।

इस नक्शे का ज्यादा इस्तेमाल

जानकारी के मुताबिक अधिकारी ने बताया कि पूरी दुनिया में आमतौर पर 10 तरह के वर्ल्ड मैप (विश्व मानचित्र) मौजूद हैं, जिनमें से मर्केटर मैप का इस्तेमाल लोग सबसे ज्यादा करते है। बता दें इस मानचित्र को साल 1569 में वैज्ञानिक जेरार्डस मर्केटर ने बनाया था, जिसका मकसद नाविकों को सही दिशा बताना था। सबसे बड़ी हैरानी की बात है कि शुरू से ही इस नक्शे को लेकर आलोचना हो रही है। बताया गया है कि इस मेप में जमीन के बड़े टुकड़ों का आकार दिखाया गया है, लेकिन ध्रुव के नजदीक जाते-जाते सटीकता डगमगाने लगती हैं।

गाल-पीटर्स दूसरा सबसे प्रचलित मानचित्र

जानकारी के मुताबिक गाल-पीटर्स को दूसरा सबसे प्रचलित मानचित्र माना जाता है, जिसे साल 1947 में जर्मन के इतिहासविद और फिल्मकार आर्नो पीटर्स ने बनाया था। इसे मर्केटर के विकल्प के रूप में भी काम में लिया जा सकता है। इसे अन्य नक्शों के मुकाबले सबसे बेहतर माना गया, क्योंकि यह काफी ज्यादा सटीकता से बनाया गया था। इस मैप को बोस्टन स्कूल से भी मान्यता प्राप्त है, वहीं संयुक्त राष्ट्र ने भी इस मेप को स्वीकार किया है। हालांकि कुछ गलतियां  इसमें भी मौजूद हैं।

आर्थर रोबिन्सन का मानचित्र

अमेरिकी मानचित्रकार आर्थर रोबिन्सन ने भी एक मानचित्र बनाया था, इसे उन्होंने साल 1963 में विकसित किया था और यह अपनी सटीकता के साथ-साथ सुंदरता के लिए बहुत ज्यादा विख्यात हुआ. इसमें हर सीमा को खूबसूरती के साथ उकेरा गया। ऐसे ही जापानी वास्तुकार हाजीम खान नारुकावा ने साल 1999 में ऑथाग्राफ मानचित्र को बनाया था, जिसमें गोलाकार सतह को 96 त्रिकोणों में विभाजित किया गया था। इसे भी सभी नक्शों की तरह सबसे सटीक माना जाता हैं।

वर्ल्ड मैप में इतनी गलतियां क्यों हैं?

वैज्ञानिक ने बताया कि दुनिया के ज्यादातर नक्शे इतिहास की साम्राज्यवादी ताकतों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने के लिए बदनाम हुए हैं। बता दें नक्शे में जो ग्रीनलैंड दर्शाया गया है, वास्तविकता में वह उससे बहुत ज्यादा छोटा है। इस आइलैंड का आकार मैप में अफ्रीका के बराबर दिखाया गया है, जबकि हकीकत में यह ग्रीनलैंड की तुलना में 14.5 गुना बड़ा है। इतना ही नहीं ज्यादातर वर्ल्ड मैप में स्कैंडिनेवियाई देश भारत से बड़े दिखाए गए हैं, जबकि वास्तविकता में ऐसा कुछ नहीं हैं।

 

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