भारत का यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ के चार देशों के साथ व्यापर समझौता, भारत में 100 अरब डॉलर का करेंगे निवेश

भारत का यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ के चार देशों के साथ व्यापर समझौता, भारत में 100 अरब डॉलर का करेंगे निवेश
Last Updated: 15 मार्च 2024

भारत-यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ ने एक व्यापारिक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। समझौते के दौरान यूरोप के चार देशों का समूह (नॉर्वे, लीशटेंस्टीन, आइसलैंड और स्विट्जरलैंड) भारत में 100 अरब डॉलर का निवेश करेगा।

EFTA Deal : 4 यूरोपीय देशों (Four European countries) का समूह यूरोपियन फ्री ट्रेड एसोसिएशन भारत में अगले 15 वर्षों में 100 अरब डॉलर (100 billion dollars) का निवेश (invest) करेगा। इसके लिए भारत और ईएफटीए (European Free Trade Association) ने रविवार (10 मार्च) को एक मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते से निवेश सहित सेवाओं वस्तुओं के दोतरफा व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, देश में 10 लाख प्रत्यक्ष रोजगार भी पैदा होंगे।

भारत-ईएफटीए (EFTA) समझौते में आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए व्यापार एवं आर्थिक साझेदारी पर 16 वर्षों की बातचीत के बाद सहमति बनी है।  जनवरी, 2008 में इसकी शुरुआत हुई और फिर 2018 में इस पर बातचीत रुक गई थी। समझौते में बौद्धिक संपदा अधिकार, निवेश प्रोत्साहन, माल-सेवा व्यापार, सरकारी खरीद के साथ 14 लेशन शामिल हैं। सूत्रों के मुताबिक, एफटीए (free trade agreement) इतिहास में पहली बार लक्ष्य आधारित निवेश रोजगार को बढ़ावा देने के लिए कानूनी प्रतिबद्धता की जा रही है। यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ के सदस्य देशों में नॉर्वे, लीशटेंस्टीन, आइसलैंड और स्विट्जरलैंड शामिल हैं।

 

समझौते से भारत को लाभ

भारत-यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ समझौते में शामिल देशों में से स्विट्जरलैंड भारत का सबसे बड़ा कारोबारी साझेदार देश है। वर्ष 2022-23 में दोनों देशों के मध्य द्विपक्षीय व्यापार 17.14 अरब डॉलर का रहा जबकि इन चारों देशों के साथ मिला कर व्यापार 18.66 अरब डॉलर का था।

इस समझौते से सभी घरेलू औद्योगिक उत्पादों को यूरोपियन फ्री ट्रेड एसोसिएशन देशों में शुल्क मुक्त होगा। अधिकतर कृषि उत्पादों पर भी शुल्क में छूट दी जाएगी और अधिक निवेश मिलेगा। इस समझौते के परिणामस्वरूप देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI : एफडीआई) और नवीन प्रौद्योगिकी का प्रवाह बढ़ेगा, जिससे देश में विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा और अधिक रोजगार को बढ़ावा मिलेगा। इससे 'मेक इन इंडिया' अभियान में और तेजी आएगी। स्विट्जरलैंड के सहयोग से यूरोपीय संघ के बाजारों में पहुंच बढ़ेगी। इसके साथ ही विनिर्माण, फार्मा, मशीनरी जैसे क्षेत्रों में घरेलू विनिर्माण को भी बढ़ावा मिलेगा।

भारत के लिए ऐतिहासिक समझौता

वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने इस समझौते पर कहा कि इससे देश में मेडिकल उपकरण, फार्मा, फूड, रिसर्च एंड विकसित जैसे बिज़नेस को बड़ा फ़ायदा होगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस समझौते पर अपने बयान में कहा कि भारत और यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधो के आधार पर यह एक ऐतिहासिक पल है।आगे उन्होंने ने कहाभारत और इन चार यूरोपीय देशों के बीच 10 मार्च, 2024 रिश्ते का एक ऐतिहासिक क्षण है।

चारों देश अलग-अलग मामलों में वैश्विक लीडर है। वित्तीय सेवा, ट्रांसपोर्ट, बैंकिंग, लॉजिस्टिक, मशीनरी, फार्मा सहित विभिन्न क्षेत्रों में इन देशों के अग्रणी होने से हमारे और हमारे देश के लिए सहयोग के नए दरवाज़े खुलेंगे.”

नॉर्वे के व्यापार मंत्री जेन क्रिस्टियन वस्त्रे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, “आज का दिन बड़ा ऐतिहासिक है, ये वास्तव में इतिहास के पन्नो पर दर्ज होने वाला दिन है। इससे निवेश बढ़ाना और नौकरियों का सृजन करना हमारी प्रतिबद्धता है ताकि हम इस समझौते के दौरान उद्देश्यों को हासिल कर सकें।

 निवेश और रोजगार को मिलेगा बढ़ावा

इस समझौते को ऐतिहासिक इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि आने वाले 15 सालों में यूरोपी संघ के ये चार देश भारत में 100 अरब डॉलर का निवेश करेंगे और 10 लाख नौकरियां पैदा की जाएंगी।

भारतीय उद्योग परिसंघ के प्रेजिडेंट (President of Confederation of Indian Industry) R.दिनेश ने बताया कि, देश में 100 अरब डॉलर के निवेश के लिए यूरोपीय मुक्त व्यापर संघ सदस्यों की प्रतिबद्धता से इंजीनियरिंग, खाद्य प्रसंस्करण, परिधान, दवा और अन्य कई औद्योगिक क्षेत्रों को बढ़ावा मिलेगा।

तिरुपुर निर्यातक संघ के अध्यक्ष A .शक्तिवेल ने कहा, आपसी व्यापार के तहत भारतीय परिधान निर्यातकों को अपना कारोबार बढ़ाने में मदद मिलेगी।

व्यापार विशेषज्ञ एवं हाई-टेक गियर्स के अध्यक्ष दीप कपूरिया ने कहा कि, ईएफटीए एक महत्वपूर्ण व्यापारिक ब्लॉक है, क्योंकि यह वस्तुओं और सेवाओं के व्यापारिक क्षेत्र में  शीर्ष-10 में शामिल है।

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