कोरोना महामारी के दौरान जब सिनेमा हॉल बंद हो गए थे, उस समय ओटीटी प्लेटफॉर्म्स ने लोगों को बेहतरीन मनोरंजन प्रदान किया। हर साल ओटीटी प्लेटफॉर्म की मांग लगातार बढ़ती जा रही है। इस दौरान सबसे अधिक लोकप्रियता हासिल करने वाला ओटीटी प्लेटफॉर्म Netflix रहा है, जो न केवल सबसे महंगा प्लेटफॉर्म है, बल्कि इसके आरंभ होने के पीछे एक बेहद दिलचस्प कहानी भी हैं।
एंटरटेनमेंट: पहले मनोरंजन के साधन काफी सीमित थे। लोग केवल थिएटर जाकर नई फिल्मों का आनंद ले सकते थे। हालांकि, फिल्म देखने के लिए अपनी जेब से पैसे खर्च करने के बाद भी यह सुनिश्चित नहीं था कि उन्हें फिल्म पसंद आएगी या नहीं। लेकिन साल 2020 में सबकुछ बदल गया। कोरोना महामारी के चलते लोग एक साल से ज्यादा समय तक अपने घरों में बंद रहे।
कोविड-19 के कारण सिनेमाघरों में ताले लग गए और मनोरंजन के लिए लोगों के पास केवल टीवी रह गया। इसी बीच ओटीटी प्लेटफॉर्म्स ने तेजी से लोकप्रियता हासिल की। नेटफ्लिक्स, अमेजन प्राइम, डिज्नी प्लस हॉटस्टार जैसे कई ओटीटी प्लेटफॉर्म्स ने विभिन्न प्रकार के कंटेंट के माध्यम से इतनी तेजी से वृद्धि की कि बड़े-बड़े निर्माताओं ने थिएटर पर निर्भर रहना बंद कर दिया और अपनी फिल्में और सीरीज ओटीटी पर रिलीज करने लगे।
नेटफ्लिक्स के 2004 में 12 M subscriber
कोरोना काल के दौरान सबसे तेजी से बढ़ने वाला प्लेटफॉर्म था नेटफ्लिक्स, जिसे आज के समय में सबसे महंगा ओटीटी प्लेटफॉर्म माना जाता है। जुलाई 2024 तक, भारत में इसके 12 मिलियन पेड सब्सक्राइबर्स थे। लेकिन यह जानना दिलचस्प है कि इस प्लेटफॉर्म की शुरुआत कैसे हुई और किसके मन में नेटफ्लिक्स शुरू करने का आइडिया आया। रेड होस्टिंग और मार्क रैंडोल्फ ने मिलकर जिस कंपनी की शुरुआत की थी, उसने आज एक ऊंचा मुकाम हासिल कर लिया है। वर्तमान में, नेटफ्लिक्स के पास विश्वभर में कुल 227 मिलियन सब्सक्राइबर हैं, जिनमें से 12 मिलियन से अधिक भारत में हैं। इस स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म पर फिल्मों, वेब सीरीज, डॉक्यूमेंट्री और अन्य विभिन्न प्रकार की सामग्री उपलब्ध है, और यह हर हफ्ते अपने दर्शकों के लिए कुछ नया पेश करता हैं।
कैसेट देरी से लौटाने पर 40 डॉलर का किया था भुगतान
नेटफ्लिक्स को शुरू हुए 26 साल से ज्यादा का समय हो चुका है। इस मनोरंजन प्लेटफॉर्म की शुरुआत का आइडिया रीड हेस्टिंग्स नामक व्यक्ति के दिमाग में आया था। 90 के दशक में भारत की तरह ही विदेशों में भी कैसेट का प्रचलन था। यदि किसी को कोई फिल्म देखनी होती, तो उन्हें कैसेट किराए पर लेनी पड़ती थी। लेकिन यदि कोई कैसेट लौटाने में एक भी दिन लेट हो जाता, तो उसे रेंट के अलावा अतिरिक्त शुल्क भी देना पड़ता था। 1997 में रीड हेस्टिंग्स के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ।
एक दिन उन्होंने 1995 में रिलीज हुई फिल्म 'अपोलो' की कैसेट किराए पर ली, लेकिन समय पर ना लौटा पाने के कारण उन्हें न केवल रेंट चुकाना पड़ा, बल्कि लेट फीस के रूप में एक बड़ी रकम भी देनी पड़ी। उन्हें लेट फीस के रूप में 40 मिलियन डॉलर चुकाने पड़े, जो भारतीय मुद्रा में लगभग 4 करोड़ रुपए के बराबर है। इस घटना से वह इतने परेशान हुए कि उनका दिन-रात का चैन खो गया।
जिम के रेवेन्यू मॉडल से प्रभावित होकर आया नेटफ्लिक्स का विचार
रीड हेस्टिंग एक दिन जब अमेरिकी व्यवसायी जिम में पसीना बहा रहे थे, तब उनके मन में कई विचार चल रहे थे। जिम के रेवेन्यू मॉडल को देखकर वे बहुत प्रभावित हुए और वहीं से उनके दिमाग में नेटफ्लिक्स के DVD सेवा शुरू करने का विचार आया। रीड हेस्टिंग ने सोचा कि जब लोग जिम में एक बार में भुगतान करके पूरे महीने व्यायाम कर सकते हैं, तो फिर वही लोग एक बार में भुगतान करके पूरे महीने के लिए वीडियो कैसेट का आनंद क्यों नहीं ले सकते।
हालांकि, 1997 तक कैसेट का चलन थोड़ा कम हो चुका था और बाजार में डीवीडी की मांग बढ़ने लगी थी। रीड के इस विचार से ही 1997 में नेटफ्लिक्स की शुरुआत हुई। उन्होंने अपने मित्र मार्क रैंडोल्फ के साथ इस आइडिया को साझा किया, जिसे मार्क ने भी बहुत पसंद किया।
नेटफ्लिक्स की शुरुआत में आई ये चुनौती
रीड हेस्टिंग ने ओटीटी प्लेटफॉर्म की शुरूआत करना उनके लिए एकदम आसान नहीं था, क्योंकि उस समय डीवीडी की कीमतें बहुत ऊंची थीं। दोनों ने मिलकर इस समस्या का समाधान निकाला और 30 कर्मचारियों के साथ उन्होंने नेटफ्लिक्स डीवीडी को ऑनलाइन बेचना शुरू कर दिया। लोग अपने घरों से ही फोन करके अपनी पसंदीदा फिल्मों की डीवीडी मंगवाते थे। धीरे-धीरे, नेटफ्लिक्स ने अमेरिका में अपनी मजबूत पहचान बना ली। नेटफ्लिक्स की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए, उन्होंने अपने व्यवसाय का विस्तार करते हुए Netflix .Com नाम की वेबसाइट भी शुरू की।
उन्होंने अपनी ऑनलाइन डीवीडी सेवा में सब्सक्रिप्शन मॉडल भी शामिल किया, जिससे लोग एक महीने का भुगतान करके भरपूर मनोरंजन का आनंद ले सकें। साल 2005 तक नेटफ्लिक्स के पास लगभग 42 लाख सब्सक्राइबर हो गए, जिसके बाद 2007 में उन्होंने इस प्लेटफॉर्म को एक स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म में बदल दिया, जहाँ लोग न केवल फिल्में, बल्कि अपनी पसंद का कोई भी कंटेंट देख सकें।