Tanushree Dutta Birthday: ग्लैमर की दुनिया से अध्यात्म की राह तक, जानें तनुश्री दत्ता का अनसुना सफर

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बॉलीवुड में ऐसे कई चेहरे आते हैं जो अपनी खूबसूरती और टैलेंट से दर्शकों के दिलों पर राज करते हैं, लेकिन वक्त की आंधी उन्हें कहीं दूर ले जाती है। ऐसी ही एक शख्सियत हैं तनुश्री दत्ता, जिन्होंने साल 2004 में मिस इंडिया यूनिवर्स का खिताब जीतकर देश का नाम रोशन किया और फिर बॉलीवुड की चकाचौंध में कदम रखा। आज, 19 मार्च को तनुश्री अपना 41वां जन्मदिन मना रही हैं। इस मौके पर हम जानते हैं उनके जीवन की कहानी और उस राह की चर्चा, जो उन्हें ग्लैमर की दुनिया से अध्यात्म की ओर ले गई।

फिल्मों में शानदार एंट्री, लेकिन सफर रहा छोटा

साल 2005 में इमरान हाशमी और सोनू सूद के साथ फिल्म 'आशिक बनाया आपने' से तनुश्री ने बॉलीवुड में धमाकेदार एंट्री की। उनकी पहली ही फिल्म ने उन्हें रातों-रात स्टार बना दिया। तनुश्री की खूबसूरती और एक्टिंग के चर्चे हर ओर होने लगे। इसके बाद 'भागम भाग', 'डोल', '36 चाइना टाउन', 'स्पीड', 'गुड बॉय बैड बॉय' जैसी फिल्मों में उन्होंने अपने अभिनय का जलवा बिखेरा। हालांकि, बॉलीवुड में उनका सफर ज्यादा लंबा नहीं रहा और आखिरी बार वो 2010 में फिल्म 'अपार्टमेंट' में नजर आईं।

नाना पाटेकर संग विवाद ने बदल दी राहें

तनुश्री का नाम सबसे ज्यादा सुर्खियों में तब आया, जब उन्होंने फिल्म 'हॉर्न ओके प्लीज' के दौरान नाना पाटेकर पर मीटू का आरोप लगाया। यह मामला काफी विवादित रहा और इस घटना ने उनके करियर पर गहरा असर डाला। तनुश्री ने आरोप लगाया कि इस घटना के बाद उन्हें फिल्मों में काम मिलना बंद हो गया। उन्होंने कई फिल्ममेकर्स से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन कहीं से भी सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली।

अध्यात्म की ओर रुख

ग्लैमर और विवादों से दूर तनुश्री ने अध्यात्म की राह अपनाई। 2013 में एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने खुलासा किया कि बॉलीवुड से दूरी के बाद उनका झुकाव अध्यात्म की ओर बढ़ा। उन्होंने खुद को समझने और मानसिक शांति पाने के लिए आध्यात्मिकता का सहारा लिया। सोशल मीडिया पर भी वो आध्यात्मिक विचार साझा करती रहती हैं और कई बार अपने बेबाक बयानों से चर्चा में रहती हैं।

आज भी जिंदा है Tanushree Dutta की छाप

बॉलीवुड से दूरी और विवादों के बाद भी तनुश्री का नाम आज भी फैंस के दिलों में बसा हुआ है। उन्होंने भले ही फिल्मों को अलविदा कह दिया हो, लेकिन उनकी कहानी से ये सिखने को मिलता है कि कभी-कभी सुकून पाने के लिए हमें खुद को खोजने की जरूरत होती है। तनुश्री दत्ता का यह सफर हमें दिखाता है कि चमक-धमक की दुनिया से दूर भी एक जीवन होता है, जो खुद की तलाश और मानसिक शांति से भरा हुआ होता है। हम तनुश्री को उनके जन्मदिन पर ढेर सारी शुभकामनाएं देते हैं और आशा करते हैं कि उनका यह सफर खुशियों से भरा रहे।

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