Bollywood: कंगना की फिल्म 'EMERGENCY' को सेंसर की ओर से मिला UA सर्टिफिकेट, जल्द ही बड़े पर्दे पर होगी रिलीज

Bollywood: कंगना की फिल्म 'EMERGENCY' को सेंसर की ओर से मिला UA सर्टिफिकेट, जल्द ही बड़े पर्दे पर होगी रिलीज
Last Updated: 09 सितंबर 2024

कंगना की फिल्म 'इमरजेंसी' शीघ्र ही सिनेमाघरों में दस्तक देने वाली है। सेंसर बोर्ड ने इस फिल्म को सर्टिफिकेट जारी कर दिया है, लेकिन इसके साथ एक शर्त भी लागू की है। सेंसर बोर्ड के अनुसार, फिल्म के कुछ दृश्यों को काटना होगा और एक डिस्क्लेमर भी शामिल करना होगा। इन शर्तों को पूरा करने के बाद ही फिल्म को रिलीज किया जा सकेगा।

Emergency: कंगना रनौत की फिल्म 'इमरजेंसी' बहुत जल्द सिनेमाघरों में दस्तक देने वाली है। सेंसर बोर्ड ने इस फिल्म को सर्टिफिकेट जारी कर दिया है, लेकिन इसके साथ कुछ शर्तें भी रखी गई हैं। सेंसर बोर्ड का कहना है कि फिल्म के कुछ विशेष दृश्यों को संपादित करना होगा। इसके साथ ही, एक डिस्क्लेमर भी शामिल करना अनिवार्य होगा, तभी फिल्म की रिलीज की अनुमति दी जाएगी।

फिल्म में हटाए जायेंगे कुछ सीन

सूत्रों के अनुसार, यह जानकारी मिली है कि सेंसर बोर्ड ने 'इमरजेंसी' के फिल्म निर्माताओं से कुछ दृश्य हटाने के लिए कहा है। इसके साथ ही, फिल्म में दर्शाए गए ऐतिहासिक घटनाक्रमों के लिए डिस्क्लेमर देने की भी मांग की गई है। 'इमरजेंसी' को यूए सर्टिफिकेट मिला है, लेकिन यह तभी प्रभावी होगा जब फिल्म निर्माता दृश्य काट देंगे और डिस्क्लेमर जोड़ देंगे।

हालांकि, फिल्म की रिलीज को लेकर अभी तक कोई नई जानकारी सामने नहीं आई है। यह स्पष्ट नहीं है कि फिल्म थिएटर्स में कब प्रदर्शित होगी। केवल सर्टिफिकेट प्राप्त हुआ है, जिसकी प्रतीक्षा फिल्म निर्माताओं ने काफी समय से की थी। उल्लेखनीय है कि पहले 'इमरजेंसी' 6 सितंबर को रिलीज होने की योजना थी।

इमरजेंसी ने CBFC को दिया निर्देश

कंगना रनौत की फिल्म 'इमरजेंसी' को सेंसर बोर्ड से सर्टिफिकेट मिलने पर मेकर्स ने बॉम्बे हाई कोर्ट का रुख किया था। कोर्ट ने सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) को निर्देश दिया था कि वह 18 सितंबर तक 'इमरजेंसी' के सर्टिफिकेट पर निर्णय ले। इसके पश्चात, 19 सितंबर को इस याचिका पर सुनवाई की जाएगी। अब, सेंसर बोर्ड ने अपना फैसला सुना दिया है और फिल्म को UA सर्टिफिकेट भी प्रदान कर दिया है। लेकिन यह निश्चित है कि 19 सितंबर को याचिका पर सुनवाई जारी रहेगी।

जानकारी के अनुसार, मेकर्स ने कोर्ट में अपनी पिटीशन में उल्लेख किया था कि 8 अगस्त को CBFC ने 'इमरजेंसी' के प्रोड्यूसर (जी स्टूडियोज) और सह-प्रोड्यूसर (मणिकर्णिका फिल्म्स) को फिल्म में बदलाव करने का निर्देश दिया था। इन बदलावों के बाद ही फिल्म को सर्टिफिकेट प्रदान किया जाना था। 14 अगस्त को मेकर्स ने CBFC के निर्देशों के अनुसार, कट्स और बदलावों के साथ फिल्म को फिर से प्रस्तुत किया।

सिख समुदाय ने ट्रेलर पर जताई आपत्ति

यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद 29 अगस्त को निर्माताओं को CBFC से एक ईमेल प्राप्त हुआ, जिसमें बताया गया कि फिल्म की सीडी को सील (फाइनल) कर दिया गया है और निर्माताओं से सेंसर प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए अनुरोध किया गया। इसके बाद निर्माताओं को एक और ईमेल मिला जिसमें कहा गया कि प्रमाण पत्र सफलतापूर्वक जारी कर दिया गया है, और ईमेल में प्रमाण पत्र का नंबर भी शामिल था।

हालांकि, जब निर्माताओं ने वास्तविक प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए पहुंचे, तो उन्हें प्रमाण पत्र देने से मना कर दिया गया। निर्माताओं ने कोर्ट में दावा किया था कि उन्हें ऐसा लगता है कि यह सब इसलिए हुआ क्योंकि सिख समुदाय के कुछ संगठनों को 'इमरजेंसी' का ट्रेलर आपत्तिजनक लगा और वे फिल्म की रिलीज का विरोध कर रहे थे।

हाई कोर्ट ने दिया अंतिम आदेश

बॉम्बे हाई कोर्ट ने अपने अंतिम आदेश में स्पष्ट किया कि यह विवादित नहीं है कि 8 अगस्त को CBFC ने 'इमरजेंसी' को कुछ संशोधनों के साथ 'U/A' सर्टिफिकेट प्रदान किया। 14 अगस्त को निर्माताओं ने संशोधन प्रस्तुत किए और 29 अगस्त को शाम 4 बजकर 17 मिनट पर उन्हें सर्टिफिकेट के जेनरेट होने की सूचना देने वाला ईमेल प्राप्त हुआ। इसलिए, CBFC की यह दलील कि चेयरमैन के हस्ताक्षर होने के कारण सर्टिफिकेट जारी नहीं किया गया, मान्य नहीं है। इस प्रकार, CBFC द्वारा मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में दी गई यह दलील भी गलत है कि सर्टिफिकेट जारी नहीं किया गया है।

कोर्ट ने सुनवाई की बढ़ाई तिथि

हाई कोर्ट ने CBFC को निर्देश दिया है कि वह 13 सितंबर तक जबलपुर के सिख संगठनों से प्राप्त आपत्तियों या प्रतिनिधित्व पर निर्णय ले। इस मामले की अगली सुनवाई 18 सितंबर को रखी गई है। एडवोकेट चंद्रचूड़ ने अदालत में कहा कि गणपति उत्सव की छुट्टियों के कारण उन्हें कुछ और समय देने की आवश्यकता है।

हालांकि, हाई कोर्ट की बेंच ने उन्हें यह स्पष्ट किया कि वे गणपति उत्सव के कारण काम करने का बहाना नहीं बना सकते। अंततः, कोर्ट ने CBFC को 18 सितंबर तक प्रतिनिधियों पर निर्णय लेने का आदेश दिया और सुनवाई की अगली तारीख 19 सितंबर निर्धारित की।

 

 

 

 

 

 

Leave a comment