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क्या कुणाल कामरा को भी मिल सकती है Y प्लस सुरक्षा? जानें नियम और प्रक्रिया

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कॉमेडियन कुणाल कामरा एक बार फिर सुर्खियों में हैं। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर विवादित टिप्पणी के बाद शिवसेना समर्थकों ने कामरा के स्टूडियो में तोड़फोड़ की। इस घटना के बाद शिवसेना नेता संजय राउत ने कामरा की सुरक्षा बढ़ाने की मांग करते हुए Y प्लस कैटेगरी की सुरक्षा मुहैया कराने की बात कही है।

Y Plus Security Rules: कॉमेडियन कुणाल कामरा ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को लेकर एक विवादित बयान दिया था, जिसके बाद शिवसेना समर्थकों ने उनके स्टूडियो में तोड़फोड़ कर दी। इस घटना के बाद शिवसेना नेताओं ने कुणाल कामरा के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करवाई है। मामले को गंभीरता से लेते हुए मुंबई पुलिस ने कुणाल कामरा को समन जारी कर दिया है। इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर भी इस मामले को लेकर लोगों की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। वहीं, कुछ लोग अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का समर्थन कर रहे हैं, तो कुछ लोग ऐसे बयानों की निंदा कर रहे हैं।

कंगना को क्यों मिली थी Y प्लस सुरक्षा?

कंगना रनौत को 2020 में Y प्लस कैटेगरी की सुरक्षा प्रदान की गई थी। उस समय महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की सरकार थी। कंगना के पिता ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर बेटी की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई थी। इसके बाद केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने कंगना को Y प्लस सुरक्षा देने का फैसला लिया।

Y प्लस सुरक्षा: क्या है व्यवस्था?

भारत में सुरक्षा की पांच श्रेणियां होती हैं: X, Y, Y+, Z और Z+। Y प्लस कैटेगरी में कुल 11 सुरक्षाकर्मी होते हैं, जिनमें से दो पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर (PSO) और 4 से 6 सशस्त्र गार्ड होते हैं। इसके अलावा, सुरक्षा काफिले में एक एस्कॉर्ट वाहन भी शामिल होता है। Y प्लस सुरक्षा मिलने के लिए पहले व्यक्ति के खतरे का आकलन किया जाता है। यह आकलन इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) या राज्य की खुफिया एजेंसियों द्वारा किया जाता है। अगर खतरा वाजिब पाया जाता है, तो सुरक्षा का निर्णय लिया जाता है।

क्या कुणाल कामरा को मिल सकती है Y प्लस सुरक्षा?

शिवसेना नेता संजय राउत के बयान के बाद यह सवाल उठ रहा है कि क्या कामरा को भी कंगना की तरह Y प्लस सुरक्षा मिल सकती है। इस पर विशेषज्ञों का कहना है कि सुरक्षा का निर्धारण सिर्फ विवाद के आधार पर नहीं, बल्कि खतरे के आकलन के आधार पर होता है। अगर सुरक्षा किसी सरकारी अधिकारी या नेता को दी जाती है, तो उसका खर्च सरकार वहन करती है। लेकिन अगर कोई आम नागरिक सुरक्षा चाहता है, तो उसे खुद इसका खर्च उठाना पड़ता है।

अगर कुणाल कामरा Y प्लस सुरक्षा की मांग करते हैं, तो सबसे पहले खतरे का आकलन किया जाएगा। रिपोर्ट के आधार पर ही गृह मंत्रालय कोई निर्णय लेगा। चूंकि शिवसेना नेता खुद सुरक्षा की मांग कर रहे हैं, इसलिए मामले को गंभीरता से लिया जा सकता है।

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