उत्तराखंड: नैनीताल प्रशासन ने जारी किया अलर्ट, जंगल की आग के रोकथाम के लिए सख्त प्रतिबंध, उल्लंघन करने पर क़ानूनी कार्रवाई

उत्तराखंड: नैनीताल प्रशासन ने जारी किया अलर्ट, जंगल की आग के रोकथाम के लिए सख्त प्रतिबंध, उल्लंघन करने पर क़ानूनी कार्रवाई
Last Updated: 07 मई 2024

उत्तराखंड के नैनीताल में DM वंदना सिंह ने जंगलों में लग रही आग के रोकथाम के लिए फसलों की पराली झाड़ी आदि को जलाने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है। किसी के द्वारा उल्लंघन करने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

Uttarakhand Forest Fire News: क्षेत्र में जंगल की आग के रोकथाम के लिए DM वंदना सिंह ने फसलों की पराली, झाड़ी आदि को जलाने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है। साथ ही नैनीताल प्रशासन ने अलर्ट जारी करते हुए कहा है कि अगर किसी भी व्यक्ति की ओर से नियमों के प्रति उल्लंघन किया जाता है तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए वन और राजस्व विभाग, पुलिस विभाग एवं कृषि विभाग को निगरानी करने के निर्देश दिए गए हैं।

फसलों के अपशिष्ट जलाने पर रोक

DM वंदना सिंह ने अलर्ट जारी करते हुए अग्रिम आदेशों तक खेतों में पराली, झाड़ और फसलों के अपशिष्ट आदि जलाने पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है। उन्होंने बताया कि उनको जलाने से तेज हवा आदि कारणों से निकटवर्ती क्षेत्रों में आग लगने की अनेकों घटनाएं घट रही हैं। बताया कि  इन निर्देशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इनकी निगरानी के लिए वन विभाग, राजस्व विभाग, पुलिस एवं कृषि विभाग को आदेश जारी किए हैं और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों को आदेशों का कड़ाई से पालन कराने के निर्देश दिए।

100 मीटर की परिधि से अपशिष्ट हटाने के आदेश

subkuz.com टीम को डीएम से मिली जानकारी के अनुसार कहा कि फड़ व्यवसायियों की ओर से ठोस अपशिष्ट को खुले स्थानों पर फेंकने और उन्हें जलाकर कूड़े का निस्तारण किए जाने पर पूर्णतः प्रतिबंध होगा। वहीं, जारी आदेशों में वनाग्नि को देखते हुए पेट्रोल पंप, लीसा फैक्टरी, भूसा गोदाम मालिक परिसर के अंदर की 100 मीटर की परिधि से कूड़ा, पीरूल, सूखे पत्ते आदि को तत्काल हटाएँ। साथ ही होटल, रेस्टोरेंट और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों की ओर से जैविक-अजैविक कूड़े को खुले में छोड़ने पर रोक लगा दी गई है।

इन सभी की रोकथाम के लिए डीएम वंदना के निर्देश पर जिले की 18 ग्राम सभाओं की बैठक आयोजित की गई। जिसके दौरान जंगल की धधकती आग को रोकने के लिए व वन विभाग और राजस्व विभाग के अधिकारीयों के सहयोग का निर्णय लिया गया।

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