देश में लगातार बढ़ रही दुर्घटनाओं को कम करने के लिए आधुनिक तकनीक तहत किसी गाड़ी के सामने जानवर या कोई वाहन आने पर आटोमैटिक ब्रेक लग जायेंगे। इस सिस्टम में कैमरा, रडार और सेंसर का प्रयोग किया गया है।
MP News: देश में अनेक प्रयासों के बावजूद वाहन दुर्घटनाओं और उनमें होने वाली मृत्यु पर रोक नहीं लग पाई है। लेकिन अब आधुनिक तकनीक ने एक उम्मीद जगाई है, जिसके तहत किसी गाड़ी के सामने जानवर, कोई वाहन या सामग्री आने पर आटोमैटिक ब्रेक लग जाएंगे।
इसके अलावा, गाड़ी में ब्रेक लगने के दौरान यह तकनीक गाड़ी का हरसंभव संतुलन भी बनाए रखने का प्रयास करेगी। इस तकनीक से निर्मित गाड़ियों का इन दिनों इंदौर के समीप स्थित पीथमपुर आटो ट्रेस्टिंग ट्रैक नेट्रेक्स पर कारों में परीक्षण किया जा रहा है। इस तकनीक (System) का नाम है "एडवांस्ड ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम" अर्थात एडास रखा है।
एडास निर्माण के बाद कीमतों में वृद्धि
बता दें कि एडास तकनीक यूरोप के कई देशों में लागू हो गई है। अन्य कई देशों में इसे लागू करने के लिए निश्चित समय भी निर्धारित कर लिया गया है, लेकिन भारत में इसको लेकर नियम ही नहीं बन पाए हैं। फ़िलहाल, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय इसके नियम बनाने पर काम कर रहा है। वहीं, कारों में एडास का उपयोग होने से इनकी कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है। बड़े पैमाने पर एडास का निर्माण होने से लागत कम भी की जा सकती है।
ब्रेक, कैमरा और सेंसर साथ में करेंगे काम
इंदौर में एडास System से युक्त गाड़ियों का परीक्षण किया जा रहा हैं। आधुनिक तकनीक के अनुसार इस सिस्टम में कैमरा, रडार और सेंसर का उपयोग किया गया है। यदि किसी वाहन में यह एडास सिस्टम लगा हुआ है तो उस गाड़ी के सामने यदि कोई जानवर, वाहन या कोई सामग्री आती है तो रडार, कैमरा और सेंसर तीनों एक साथ काम करते हुए उसे सुरक्षित रखते हैं।
बताया गया कि इन तीनों से आटोमेटिक इमरजेंसी ब्रेकिंग (AEB) System Active हो जाएगा और एक निश्चित दूरी पर ही गाड़ी में आटोमेटिक ब्रेक लग जाएंगे। इससे लगातार बढ़ रही दुर्घटनाओं में कमी आएगी और इनके भिड़ने से नुकसान भी अपेक्षाकृत कम होगा। वहीं, देश की नामी आटोमोबाइल कंपनियां इस ट्रैक पर अपने System का सफल परीक्षण करने में जुटी हैं।