अविमुक्तेश्वरानंद का बयान, महाकुंभ में मुसलमानों के शामिल होने पर उठाए सवाल, जानिए क्या है मामला?

अविमुक्तेश्वरानंद का बयान, महाकुंभ में मुसलमानों के शामिल होने पर उठाए सवाल, जानिए क्या है मामला?
Last Updated: 06 नवंबर 2024

अविमुक्तेश्वरानंद ने महाकुंभ में मुस्लिम समुदाय की भागीदारी पर अपने विचार व्यक्त किए और यह भी कहा कि हर व्यक्ति को अपupनी धार्मिक परंपराओं का सम्मान करते हुए पालन करना चाहिए।

Avimukteshwaranand: प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले को लेकर संत अविमुक्तेश्वरानंद ने महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने कहा कि महाकुंभ केवल हिंदू धर्म से जुड़ा है, जिसका उद्देश्य पुण्य प्राप्ति और पापों का शमन करना है। उनके अनुसार, महाकुंभ में भाग लेने का विशेष धार्मिक महत्व है, जिसे हिंदू दर्शन में गहरे अर्थों के साथ समझा जा सकता है।

धार्मिक पवित्रता का उल्लंघन नहीं करना

प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ मेले को लेकर संत अविमुक्तेश्वरानंद ने मुसलमानों के शामिल होने पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि अगर मुसलमान गंगा-यमुना में स्नान और पूजा-अर्चना को पाप से मुक्ति और पुण्य की प्राप्ति का माध्यम मानते हैं, तो उन्हें हिंदू धर्म के विश्वासों को स्वीकार करना चाहिए। अगर ऐसा नहीं है तो उनका महाकुंभ में शामिल होना उचित नहीं है।

महाकुंभ का उद्देश्य केवल हिंदू धर्म से जुड़ा है- अविमुक्तेश्वरानंद

अविमुक्तेश्वरानंद ने महाकुंभ का उद्देश्य स्पष्ट किया और कहा कि यह आयोजन केवल हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए है, जिनका विश्वास गंगा-यमुना में स्नान करके पापों का शमन और पुण्य की प्राप्ति में है। उन्होंने यह भी बताया कि हिंदू धर्म में पवित्रता के लिए कड़े नियम होते हैं, और महाकुंभ उसी विश्वास के तहत आयोजित होता है।

रमखुदैया पर भी उठाए सवाल

संत ने 'रमखुदैया' के विचार पर भी अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि हिंदू और मुस्लिम धर्मों का मिश्रण गलत है। उनका सवाल था कि यदि हिंदू 'राम-राम' में विश्वास करते हैं और मुसलमान 'खुदा' में, तो इसे एक करने की कोशिश क्यों की जा रही है?

धार्मिक पवित्रता को लेकर बयान

उन्होंने यह भी कहा कि अगर मुसलमानों का धार्मिक दृष्टिकोण महाकुंभ के उद्देश्य से मेल नहीं खाता, तो उन्हें इसमें भाग लेने की जरूरत नहीं है। उन्होंने जोर दिया कि हिंदू धर्म में पवित्रता का पालन बहुत गंभीरता से किया जाता है, और कोई भी पवित्र वस्तु, जैसे भोजन या जल, तब तक सही नहीं मानी जाती जब तक वह पूरी तरह से शुद्ध हो।

भ्रम फैलाने वाली वीडियो पर प्रतिक्रिया

अविमुक्तेश्वरानंद ने सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो का भी जिक्र किया, जिनमें धार्मिक अनुशासन का उल्लंघन किया जा रहा था। उन्होंने कहा कि इस तरह के वीडियो समाज में गलत संदेश भेजते हैं और इससे धार्मिक विश्वासों में भ्रम फैलता है।

हालांकि अविमुक्तेश्वरानंद ने मुस्लिम समुदाय को महाकुंभ में शामिल होने से रोका, उन्होंने यह भी कहा कि यह कोई विरोधाभास नहीं है। उनका कहना था कि दोनों समुदायों के बीच भाईचारे और सम्मान का आदान-प्रदान होना चाहिए, लेकिन पवित्रता के नियमों के तहत प्रत्येक धर्म को अपनी परंपराओं और विश्वासों का पालन करना चाहिए।

 

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