मनी ट्रांसफर कंपनी का पेमेंट गेटवे हैक कर 16 हजार करोड़ का फ्रॉड
मनी ट्रांसफर कंपनी के पेमेंट गेटवे को हैक करके 16,000 करोड़ से अधिक की बड़ी धोखाधड़ी में शामिल दो साजिशकर्ताओं को महाराष्ट्र की ठाणे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इन जालसाजों ने न केवल मनी ट्रांसफर कंपनी के पेमेंट गेटवे को हैक किया, बल्कि पांच फर्जी पंजीकरण भी कराए। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कंपनियों ने 16,000 करोड़ रुपये से अधिक की हेराफेरी की। मामले में जहां तीन अन्य लोगों का नाम लिया गया है, वहीं पुलिस सूत्रों का कहना है कि इस महाधोखाधड़ी में कई और चेहरे सामने आ सकते हैं। मामले की जांच जारी है।
क्या बोले पुलिस अधिकारी
पुलिस अधिकारियों ने खुलासा किया कि 6 अक्टूबर को, ठाणे पुलिस की साइबर सेल ने अमोल अंडाले उर्फ अमन को गिरफ्तार किया, जिसका नाम 6 अक्टूबर को नौपाड़ा पुलिस स्टेशन में दर्ज प्रारंभिक रिपोर्ट में भी था। गुरुवार को भायंदर निवासी 26 वर्षीय अनूप दुबे और मुंबई निवासी 42 वर्षीय संजय नामदेव गायकवाड़ को भी पकड़ा गया। पुलिस ने कहा कि धोखाधड़ी की गतिविधियां काफी समय से चल रही थीं, लेकिन यह तब सामने आया जब अप्रैल 2023 में कंपनी की payment gateway की हैकिंग के संबंध में शिकायत दर्ज की गई, जिसके परिणामस्वरूप 25 करोड़ की अनधिकृत निकासी हुई। जांच के दौरान टीम को 16,180 करोड़ से ज्यादा के संदिग्ध लेनदेन का पता चला। इससे पहले 6 अक्टूबर को नौपाड़ा पुलिस ने पांच लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। प्राथमिक जांच के मुताबिक, एक आरोपी जितेंद्र पांडे पहले आठ से दस साल तक बैंकों में सेल्स मैनेजर के पद पर काम कर चुका है और फिर इस अपराध की लाइन में घुसा।
विदेश से भी पैसा भेजा जा रहा था
खुलासे से पता चला है कि 16,000 करोड़ से ज्यादा की बड़ी रकम विदेश भी भेजी गई थी। 6 अक्टूबर को नौपाड़ा पुलिस ने संजय सिंह, अमोल अंडाले, समीर दिघे, जितेंद्र पांडे और एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ धोखाधड़ी गतिविधियों के लिए आपराधिक मामला दर्ज किया। इस मामले में पुलिस ने गुरुवार को भायंदर से अनूप दुबे और मुंबई से संजय नामदेव गायकवाड़ को गिरफ्तार किया. पुलिस सूत्रों के मुताबिक फर्जीवाड़े में नामित जितेंद्र पांडे करीब दस साल तक बैंकों में पीआर और सेल्स मैनेजर के तौर पर काम कर चुका है।