Independence Day 2024: तिरंगा फहराने और इसके इस्तेमाल के क्या हैं नियम? अपमान करने पर मिलती है सजा, जानिए पूरी जानकारी

Independence Day 2024: तिरंगा फहराने और इसके इस्तेमाल के क्या हैं नियम? अपमान करने पर मिलती है सजा, जानिए पूरी जानकारी
Last Updated: 14 अगस्त 2024

Independence Day 2024: तिरंगा फहराने और इसके इस्तेमाल के क्या हैं नियम? अपमान करने पर मिलती है सजा, जानिए पूरी जानकारी 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्तमान में देशवासियों से हर घर तिरंगा अभियान (Har Ghar Tiranga) में शामिल होने की अपील कर रहे हैं। यह अभियान नागरिकों को तिरंगा फहराने के लिए प्रोत्साहित करता है. बता दे ये अभियान 9 अगस्त से आरंभ हुआ है और 15 अगस्त (स्वतंत्रता दिवस 2024) तक जारी रहेगा। आज हम आपको राष्ट्रीय ध्वज को फहराने और इसके उपयोग से संबंधित नियमों और कानूनों के बारे में पूरी जानकारी देते हैं।

नई दिल्ली: हर घर तिरंगा अभियान किसी त्योहार से कम नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी लगातार देशवासियों से अपील कर रहे हैं कि वे देशभर में तिरंगा फहराएं। इस अभियान के तहत आपको तिरंगे के साथ अपनी सेल्फी लेनी होगी और इसे harghartiranga.com पर अपलोड करना होगा। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लोगों में तिरंगे के साथ फोटो खिंचवाने का उत्साह हमेशा रहता है। इसलिए यदि आप कानूनी परेशानियों में नहीं पड़ना चाहते हैं तो यह जरूरी है कि आप राष्ट्रीय ध्वज से जुड़े कुछ नियम और कानून (तिरंगा ध्वज नियम) को ध्यान में रखें।

तिरंगा फहराने के नियम

भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को फहराने, उपयोग करने और प्रदर्शित करने के लिए नियम-कायदे राष्ट्रीय सम्मान के अपमान की रोकथाम अधिनियम 1971 और भारतीय ध्वज संहिता 2002 द्वारा निर्धारित किए गए हैं। इन नियमों के अनुसार किसी भी सार्वजनिक या निजी संस्था का सदस्य, शैक्षिक संस्थानों के सदस्य, किसी भी दिन और किसी भी अवसर पर राष्ट्रीय ध्वज को फहरा सकते हैं। लेकिन यह बात ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि जब भी राष्ट्रीय ध्वज को फहराया जाए, तो केसरिया पट्टी हमेशा सबसे ऊपर होनी चाहिए। यदि कोई झंडे को लंबवत (वर्टिकल) प्रदर्शित करता है, तो इस स्थिति में केसरिया पट्टी दाईं ओर होगी, अर्थात् यह सामने वाले व्यक्ति की बाईं ओर प्रदर्शित होगी।

तिरंगे स संबंधित कुछ महत्वपूर्ण बातें

* भारतीय ध्वज संहिता के अनुच्छेद 2.2 के अनुसार कोई भी सामान्य नागरिक अपने घर पर राष्ट्रीय ध्वज को फहराने का अधिकार रखता है। हालाँकि जब भी राष्ट्रीय ध्वज दिखाया जाए, उसे सम्मान की स्थिति में रखा जाना चाहिए और स्पष्ट रूप से प्रदर्शित किया जाना चाहिए।

* जब भी राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग किया जाए, उसे पूरा आदर और सम्मान दिया जाना चाहिए। इसे उपयुक्त स्थान पर भी रखा जाना चाहिए। साथ ही विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए कि ध्वज को जमीन या किसी गंदे स्थान पर न रखा जाए।

* नियमों के अनुसार राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग किसी वस्तु को लपेटने, प्राप्त करने या बांटने के लिए नहीं किया जा सकता है। ध्वज को जमीन, फर्श या पानी के साथ संपर्क में नहीं लाना चाहिए। किसी कार्यक्रम में वक्ता की मेज को ढकने या मंच को इससे लपेटने की अनुमति नहीं हैं।

* ध्वज संहिता के मुताबिक राष्ट्रीय ध्वज को किसी अन्य ध्वज के साथ एक ही स्तंभ पर नहीं फहराया जाना चाहिए। तथा फटा या गंदा राष्ट्रीय ध्वज प्रदर्शित नहीं किया जाना चाहिए।

किस को हैं गाड़ी पर राष्ट्रीय ध्वज लगाने का अधिकार?

स्वतंत्रता दिवस यानी15 अगस्त और 26 जनवरी के मौके पर गाड़ी पर तिरंगा लगाने का अधिकार देश के आम नागरिक को नहीं हैं। बता दें कि गाड़ियों पर राष्ट्रीय ध्वज स्थापित करने का विशेषाधिकार भारतीय ध्वज संहिता 2002 के अनुच्छेद 3.44 के अनुसार केवल सरकार के प्रमुख सदस्यों को है. जानिए कौन कर सकता है तिरंगे का इस्तेमाल?

* राष्ट्रपति

* उपराष्ट्रपति

* राज्यपाल और उपराज्यपाल

* भारतीय मिशन के प्रमुख/प्रधानमंत्री,कैबिनेट मंत्री

* राज्य मंत्री और संघ के उप मंत्री

* मुख्यमंत्री और राज्य या केंद्र शासित कैबिनेट मंत्री

* लोकसभा के अध्यक्ष

* राज्य सभा के उपाध्यक्ष

* लोकसभा के उपाध्यक्ष

* राज्यों की विधान परिषदों के अध्यक्ष

* राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की विधान सभाओं के अध्यक्ष

* राज्यों की विधान परिषद के उपाध्यक्ष

* राज्य और केंद्र शासित प्रदेश की विधान सभाओं के उपाध्यक्ष

* भारत के मुख्य न्यायाधीश

* सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश

* उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीश

* उच्च न्यायालयों के न्यायाधीश

तिरंगे का अपमान करने पर मिलती है सजा

राष्ट्रीय ध्वज से जुड़े नियमों का उल्लंघन करने पर भारतीय संविधान में सजा का प्रावधान किया गया है। यदि कोई व्यक्ति उल्टा, कटा-फटा या गंदा झंडा फहराते हुए पाया जाता है तो इसके लिए राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम, 1971 की धारा-2 के तहत सजा का प्रावधान किया गया है। इस अधिनियम का उद्देश्य भारतीय राष्ट्रीय प्रतीकों जैसे राष्ट्रीय ध्वज, संविधान और राष्ट्रगान के अपमान को रोकना है। इसके तहत उल्लंघन करने वालों को 3 साल तक की जेल, जुर्माना या दोनों सजाएँ हो सकती हैं।

 

 

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