भारत के इस राज्य के लोगो को करोड़ो की आय पर भी नहीं देना पड़ता टैक्स, आखिर कोनसा है ऐसा अनोखा राज्य
नई Tax scheme के तहत, भारतीय नागरिकों को सात लाख तक की कमाई पर कोई income टैक्स नहीं देना पड़ता है। हालांकि, सिक्किम राज्य में, 95% निवासियों को करोड़ों से अधिक की आय पर भी आयकर नहीं देना पड़ता है। आखिर ऐसा क्यों होता है। तो हम आपको बता दे 1975 में भारत में विलय के बाद से सिक्किम ने अपने मूल निवासियों के लिए आयकर छूट को लागो किया है। जबकि कुछ लोगों का तर्क है कि सिक्किम के बाहर के लोग भी आयकर से बचने के लिए इस छूट का लाभ उठा रहे हैं, अब बहुत से लोग इस विशेष छूट को समाप्त करने की मांग बढ़ रही है।
सिक्किम में लोग टैक्स क्यों नहीं देते?
1975 में जब सिक्किम का भारत में विलय हुआ, तो उसने भारत में शामिल होने की शर्त के रूप में अपने पुराने कानून और विशेष दर्जा बरकरार रखा। परिणामस्वरूप, सिक्किम 1948 में स्थापित अपने स्वयं के कर नियमों का पालन करता है। 1948 के सिक्किम आयकर मैनुअल के अनुसार, सिक्किम का कोई भी निवासी केंद्र सरकार को टैक्स का भुगतान करने के लिए जिम्मेदार नहीं था।
धारा 10(26एएए) क्या कहती है?
धारा 10(26AAA) के तहत, यह कहा गया है कि सिक्किम के किसी भी निवासी की आय, आयकर के दायरे से मुक्त रहेगी, चाहे वह ब्याज से प्राप्त हुई हो या किसी भी प्रकार की service के माध्यम से प्राप्त हुई हो। यह प्रावधान उन लोगों पर लागू होता है जो भारत में विलय से पहले सिक्किम में चले गए थे।
पैन कार्ड पर भी दी जाती है छूट
आयकर छूट के अलावा, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने सिक्किम के निवासियों को पैन कार्ड पर छूट दी है। जबकि अन्य भारतीय राज्यों के निवासियों को शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए पैन कार्ड की आवश्यकता होती है, परन्तु सिक्किम में लोग बिना पैन कार्ड के निवेश कर सकते हैं।