Bangladesh Protest: बांग्लादेश में जारी हिंसा को लेकर मणिपुर सरकार अलर्ट, बॉर्डर स्थित जिलों में लगाया कर्फ्यू, निगरानी के लिए सुरक्षाकर्मी तैनात
मंगलवार यानि 6 अगस्त को मणिपुर सरकार ने बांग्लादेश से गैरकानूनी तरीके से गुप्तप्रवेश को रोकने के लिए फेरजावल और जिरीबाम जिले के कुछ हिस्सों में night curfew लगा दिया हैं। दोनों जिलों के DM ने कर्फ्यू के दौरान आदेश में पांच या उससे अधिक व्यक्तियों का इकट्ठा होने पर रोक लगाई है। आदेशानुसार कोई भी व्यक्ति अपने घर से बाहर नहीं जायेगा।
Bangladesh: भारत का पड़ोसी देश बांग्लादेश में जारी हिंसा को लेकर भारत- बांग्लादेश बॉर्डर पर हाई सिक्योरिटी अलर्ट की गई है। इसी दौरान, मणिपुर सरकार ने सुरक्षा को लेकर मंगलवार (6 अगस्त) को बांग्लादेश से अवैध तरीके से आने वालों को रोकने के लिए बॉर्डर स्थित जिलों (Pherzawl or Jiribam) में कर्फ्यू लगाया है। बॉर्डर पर सुरक्षा के लिए प्रशासन को तैनात किया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि जिरीबाम में सुबह 9 बजे से दोपहर के 3 बजे तक की छूट दी जाएगी। जबकि, फेरजावल जिले में सुबह 8 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक कर्फ्यू को हटाया जाएगा, सरकार ने आदेश देते हुए यह भी कहा कि किसी भी तरह के घुसपैठ को रोकने के लिए फेरजावल (Pherzawl) और जिरीबाम (Jiribam) जिले के कुछ हिस्सों में रात्रि कर्फ्यू लगा दिया गया है।
बाहर निकलने पर रोक
खबरों के मुताबिक, मणिपुर के दोनों जिलों के डीएम के जरिये जारी अलग-अलग आदेशों में कहा गया है कि, कर्फ्यू लगाने के बाद पांच या इससे ज्यादा व्यक्तियों का एक साथ इकट्ठा होने पर सख्त पाबंदी लगाई गई है। इस कर्फ्यू के दौरान किसी भी व्यक्ति का घर से निकलना प्रतिबंधित है, और इसके साथ ही ऐसी वस्तुओं को ले जाने पर भी प्रतिबंधित है, जिनको हथियार के रूप में काम लिया जा सकता है।
सुरक्षा को लेकर जारी किया अलर्ट
बांग्लादेश में हो रही हिंसा के बीच अवैध घुसपैठ रोकने के लिए मणिपुर और मेघायल के कुछ जिलों में नाईट कर्फ्यू लगाया गया है। मणिपुर सरकार के मुताबिक, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNS) के तहत फेरजावल और जिरीबाम जिलों में रात्रि कर्फ्यू लगाने और सुरक्षा को और भी मजबूत करने का निर्देश जारी किया गया है।
गृह विभाग के संयुक्त सचिव ने कहा कि बांग्लादेश में मौजूदा कानून-व्यवस्था की हालत के कारण भारत देश से मणिपुर में लोगों के आने की आशंका हो सकती है। गैरकानूनी प्रवासियों की आंदोलन को रोकने के लिए एहतियातन यह कदम उठाए गए हैं। सुरक्षा के लिए अब बॉर्डर पर जिला पुलिस और सुरक्षाबल 24 घंटे कड़ी नजर रख रहे हैं।