बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस फरवरी के पहले सप्ताह में चंपारण से जय बापू-जय भीम-जय संविधान सम्मेलन शुरू करेगी, जो राज्यभर के जिलों में आयोजित होगा।
Bihar News: बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने अपने चुनावी रणनीति को मजबूत करने के लिए 'जय बापू-जय भीम-जय संविधान' सम्मेलन की घोषणा की है। पार्टी की यह पहल आगामी फरवरी महीने के पहले सप्ताह से शुरू होगी। इस सम्मेलन का उद्देश्य मतदाताओं के बीच अपनी पकड़ को और मजबूत करना है, और यह कार्यक्रम पूरे राज्य में आयोजित किए जाएंगे। सम्मेलन की शुरुआत चंपारण से की जा सकती है, इसके बाद कार्यक्रमों की श्रृंखला बक्सर, सासाराम सहित अन्य जिलों में भी आयोजित की जाएगी।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह का बयान
कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह ने इस कार्यक्रम की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह सम्मेलन अखिल भारतीय कांग्रेस के साथ ही राज्य कांग्रेस की योजना का हिस्सा है। कार्यक्रम के लिए जिलों में अलग-अलग संयोजकों की नियुक्ति जल्द ही की जाएगी।
जाति आधारित गणना पर विवाद
वहीं, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सिंह ने राहुल गांधी द्वारा बिहार सरकार के जाति आधारित गणना को 'फर्जी' कहने पर भी बयान दिया। डॉ. सिंह ने कहा कि राहुल गांधी हमेशा जाति आधारित जनगणना पर अपना पक्ष रखते आए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार सरकार के द्वारा की जा रही जाति आधारित गणना को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ठंडे बस्ते में डाल दिया है।
राहुल गांधी का नीतीश कुमार पर हमला
राहुल गांधी ने भी शनिवार को बापू सभागार में इस मुद्दे पर निशाना साधते हुए कहा था कि बिहार की जाति गणना एक छलावा है। उन्होंने कहा कि वह लोकसभा और राज्यसभा में जाति आधारित जनगणना के लिए कानून पारित कराएंगे। उनका कहना था कि यह गणना देश के सामाजिक और आर्थिक हालात को स्पष्ट करने के लिए आवश्यक है।
कांग्रेस ने नीतीश कुमार को घेरा
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा कि मुख्यमंत्री हमेशा विकास और डबल इंजन की सरकार की बात करते हैं, लेकिन उन्होंने कभी नहीं बताया कि 95 लाख परिवारों को दो-दो लाख रुपये क्यों नहीं दिए गए। डॉ. सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री भाजपा के दबाव में हैं और यही कारण है कि जाति आधारित गणना को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल नहीं किया गया है। उन्होंने सवाल उठाया कि कर्नाटक में यह प्रक्रिया कैसे सख्ती से लागू हो रही है।
कांग्रेस का आंदोलन की घोषणा
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने यह भी कहा कि पार्टी जाति आधारित गणना को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए आंदोलन करेगी। उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की कि इस मामले में सख्त कदम उठाए जाएं। इस प्रेस कांफ्रेंस में कांग्रेस के कई अन्य नेता भी उपस्थित थे, जिनमें पूनम पासवान, कृपानाथ पाठक, आनंद माधव, ब्रजेश मुनन और अन्य प्रमुख नेता शामिल थे।