बॉम्बे हाई कोर्ट ने नाबालिग पत्नी के साथ यौन संबंध के मामले में महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि अगर पत्नी की उम्र 18 साल से कम है, तो उसकी सहमति के बिना शारीरिक संबंध बनाना अपराध माना जाएगा। कोर्ट ने एक व्यक्ति की 10 साल की सजा को बरकरार रखते हुए उसे नाबालिग पत्नी के साथ दुष्कर्म का दोषी ठहराया हैं।
मुंबई: बॉम्बे हाई कोर्ट ने नाबालिग पत्नी के साथ यौन संबंध के मामले में अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि अगर पत्नी की उम्र 18 साल से कम है, तो उसकी सहमति के बिना शारीरिक संबंध बनाना अपराध होगा। कोर्ट ने एक व्यक्ति की 10 साल की सजा को बरकरार रखा, जिसे नाबालिग पत्नी के साथ दुष्कर्म के आरोप में दोषी ठहराया गया था।
यह फैसला वर्धा जिले की निचली अदालत के 9 सितंबर, 2021 के फैसले के खिलाफ दायर की गई आपराधिक अपील पर आधारित था। न्यायमूर्ति गोविंद सनप की एकल-न्यायाधीश पीठ ने इस अपील की सुनवाई करते हुए निचली अदालत के फैसले को सही ठहराया, जिसमें आरोपी को बलात्कार और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत दोषी पाया गया था।
कोर्ट ने आरोपी की याचिका की खारिज
नागपुर बेंच के न्यायमूर्ति जीए सनप ने 12 नवंबर को दिए गए आदेश में 24 वर्षीय व्यक्ति की अपील खारिज कर दी, जिसमें उसने 2021 के सत्र न्यायालय के फैसले को चुनौती दी थी। सत्र न्यायालय ने उसे पॉक्सो अधिनियम और भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत दोषी ठहराया था। दोषी व्यक्ति का तर्क था कि पीड़ित के साथ यौन संबंध सहमति से बनाए थे, क्योंकि वह उसकी पत्नी थी। उसने दावा किया कि इसे बलात्कार नहीं कहा जा सकता, क्योंकि वह विवाह के बंधन में था।
इस पर न्यायमूर्ति सनप ने कहा कि जब पत्नी की उम्र 18 साल से कम हो, तो उसकी सहमति से भी यौन संबंध बनाना अपराध माना जाएगा। न्यायाधीश ने स्पष्ट किया कि 18 वर्ष से कम उम्र की पत्नी के साथ सहमति से यौन संबंध बनाना भी बलात्कार (रेप) की श्रेणी में आता हैं।
आरोपी कके खिलाफ 2019 में दर्ज की गई थी शिकायत
बॉम्बे हाई कोर्ट में जिस व्यक्ति की आपराधिक अपील पर सुनवाई हो रही थी, उसे 25 मई 2019 को एक नाबालिग लड़की द्वारा मामला दर्ज कराए जाने के बाद गिरफ्तार किया गया था। लड़की ने आरोप लगाया कि वह व्यक्ति उसके साथ प्रेम संबंध में था और उसने जबरन यौन संबंध बनाए। बाद में उस व्यक्ति ने शादी का झूठा वादा किया और यौन संबंध बनाना जारी रखा।
लड़की ने जब शिकायत दर्ज कराई, तब वह 31 सप्ताह की गर्भवती थी। इस मामले में, बॉम्बे हाई कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखते हुए उस व्यक्ति को दोषी करार दिया और उसकी अपील को खारिज कर दिया। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि 18 साल से कम उम्र की लड़की के साथ सहमति से या बिना सहमति के यौन संबंध बनाना रेप के दायरे में आता है, और इसे अपराध माना जाएगा।