झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री (Chief Minister) चंपई सोरेन पूरी तरह से बगावती मूड में आ गए हैं। वहीं, भारतीय जनता पार्टी को केंद्रीय नेतृत्व से हरी झंडी मिल चुकी है। पिछले बुधवार को चंपई सोरेन ने अपना रुख बदलते हुए स्पष्ट किया कि वह राजनीति से संन्यास नहीं लेंगे और एक नया मार्ग अपनाने के लिए तैयार हैं। वह इसकी घोषणा जल्द ही करने वाले हैं।
New Delhi: झामुमो नेता और पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन की भाजपा में शामिल होने की योजना को केंद्रीय नेतृत्व से मंजूरी मिल गई है। आदिवासी समाज से जुड़े एक प्रमुख नेता चंपई सोरेन को भाजपा उनके महत्व के अनुसार सम्मान प्रदान करेगी। इससे पहले, झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन की बड़ी बहू सीता सोरेन को लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा में शामिल किया गया था।
आदिवासी समाज को करेंगे जागरूक
सोरेन परिवार के बाद अब पार्टी अपने साथ चंपई सोरेन को लाकर आदिवासियों को यह संदेश देना चाहती है कि झामुमो में उन्हें अपेक्षित सम्मान नहीं मिल रहा है। चंपई सोरेन के सोरेन परिवार के प्रति वफादारी की वजह से ही हेमंत सोरेन के जेल जाने पर उन्हें मुख्यमंत्री बनाया गया था। अब वे अपने साथ अपमान की बात साझा कर रहे हैं। भाजपा में शामिल होने के बाद चंपई सोरेन पूरे राज्य का दौरा करेंगे और आदिवासी समाज को अपने साथ हुए दुर्व्यवहार के बारे में जागरूक करेंगे।
पार्टी के पक्ष में बनेगा सकारात्मक माहौल
चंपई सोरेन पूर्व मुख्यमंत्री हैं और कोल्हान क्षेत्र में आदिवासी मतदाताओं के बीच उनकी मजबूत पकड़ है। भाजपा के रणनीतिकारों को उम्मीद है कि उनके पार्टी में शामिल होने से पार्टी के पक्ष में एक सकारात्मक माहौल बनेगा। भाजपा, चंपई सोरेन के अपमान को आदिवासी अस्मिता से जोड़कर लोगों के बीच एक संदेश फैलाने की कोशिश कर रही है।
यह माना जा रहा है कि चंपई सोरेन की ज्वाइनिंग के अवसर पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा मौजूद रह सकते हैं। ज्वाइनिंग समारोह के लिए रांची या जमशेदपुर में से किसी एक स्थान पर कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।