बिहार देश का दूसरा राज्य बनेगा जहां दो एम्स होंगे। दरभंगा में एम्स के निर्माण के लिए 187.44 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया है। इस परियोजना का डिजाइन दिल्ली स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) ने तैयार किया है।
Darbhanga AIIMS: दरभंगा एम्स को लेकर एक बड़ा अपडेट सामने आया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी 13 नवंबर को दरभंगा में एम्स की आधारशिला रखने वाले हैं। प्रधानमंत्री के आगमन से पहले क्षेत्र में सियासी हलचल बढ़ गई है। जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारिणी अध्यक्ष संजय झा, मंत्री मदन सहनी और अन्य जदयू नेता कार्यक्रम को ऐतिहासिक बनाने के लिए जनसंपर्क अभियान चला रहे हैं। वे लोगों से इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में अधिक से अधिक संख्या में भाग लेने का आह्वान कर रहे हैं।
सियासी हलचल और स्वागत समारोह
जदयू नेताओं का क्षेत्र में जोरदार स्वागत हो रहा है, जहां उन्हें पाग, चादर और माला पहनाकर सम्मानित किया जा रहा है। इस अवसर पर संजय झा ने कहा कि यह ऐतिहासिक मौका दरभंगा और मिथिला के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बिहार को दो एम्स देने का फैसला ऐतिहासिक है, जबकि दरभंगा एम्स के निर्माण का निर्णय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लिया।
एम्स का डिज़ाइन और लाभ
संजय झा ने आगे कहा कि दरभंगा एम्स स्वास्थ्य के क्षेत्र में मिथिला के लिए एक गेम चेंजर साबित होगा, न केवल मिथिला बल्कि सीमांचल और नेपाल के तराई क्षेत्र के लोगों को भी इससे लाभ मिलेगा। इस एम्स का डिज़ाइन दिल्ली आईआईटी द्वारा तैयार किया गया है और यह पिलर पर आधारित होगा। अगले ढाई से तीन साल में यह एम्स बनकर तैयार हो जाएगा।
जनसंपर्क और बड़ी उम्मीदें
मंत्री मदन साहनी ने कहा कि पीएम मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा इस शिलान्यास कार्यक्रम को ऐतिहासिक बनाने के लिए जदयू द्वारा जनसंपर्क किया जा रहा है। वे लोगों से इस आयोजन में अधिक से अधिक संख्या में शामिल होने की अपील कर रहे हैं। उनका कहना है कि प्रधानमंत्री द्वारा बिहार को यह तोहफा दिया गया है, और इस मौके पर लोग भी पीछे नहीं रहेंगे।
सियासी भविष्य और संभावनाएं
सियासी जानकारों का मानना है कि एम्स का निर्माण 2025 में बिहार में एनडीए के लिए बड़ा गेम चेंजर साबित हो सकता है। मिथिलांचल क्षेत्र में लोकसभा की एक दर्जन सीटें हैं, और यहां पर एनडीए का अच्छा खासा दबदबा है। दरभंगा की 10 विधानसभा सीटों में से 6 बीजेपी के पास और 3 जदयू के पास हैं, जबकि सिर्फ एक सीट आरजेडी के पास है। इस हिसाब से एनडीए इस शिलान्यास कार्यक्रम को भव्य रूप देने की पूरी कोशिश कर रहा है।