Delhi Mayor Election: MCD चुनावों के बीच हंगामा, कांग्रेस ने किया चुनाव का बहिष्कार, BJP के 6 सांसदों ने की वोटिंग

Delhi Mayor Election: MCD चुनावों के बीच हंगामा, कांग्रेस ने किया चुनाव का बहिष्कार, BJP के 6 सांसदों ने की वोटिंग
Last Updated: 13 घंटा पहले

दिल्ली नगर निगम के मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव से पहले पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा ने सभी पार्षदों को मोबाइल जमा करने का आदेश दिया। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर किसी के पास मोबाइल पाया गया तो उसका वोट अवैध माना जाएगा।

Delhi Mayor Election: दिल्ली नगर निगम (MCD) में मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव में आज गुरुवार को हंगामा हुआ। कांग्रेस ने छोटे कार्यकाल के कारण मेयर चुनाव से दूरी बनाने का निर्णय लिया। इस फैसले से नाराज कांग्रेस की एक महिला पार्षद ने इस्तीफा दे दिया। वहीं, AAP ने बीजेपी पार्षद सत्या शर्मा को फिर से पीठासीन अधिकारी बनाए जाने का विरोध किया।

कांग्रेस पार्षदों का विरोध और इस्तीफा

कांग्रेस ने मेयर चुनाव के खिलाफ विरोध करते हुए वोटिंग से दूर रहने का फैसला लिया। कांग्रेस के पार्षदों का कहना है कि अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित मेयर पद का कार्यकाल बेहद छोटा होगा, जिस कारण उन्हें चुनाव में भाग नहीं लेना चाहिए। इस फैसले से नाराज कांग्रेस की पार्षद सबीला बेगम और उनके पति मोहम्मद खुशनूद ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। सबीला ने AAP के उम्मीदवार का समर्थन करने का ऐलान किया।

मेयर चुनाव में उम्मीदवारों की टक्कर

दिल्ली के मेयर चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) के महेश खिंची का मुकाबला बीजेपी के किशन लाल से है, वहीं डिप्टी मेयर के लिए रविंदर भारद्वाज (AAP) और नीता बिष्ट (BJP) के बीच चुनावी जंग है। मेयर सीट अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व है और इस चुनाव का कार्यकाल राजनीतिक कलह के चलते बहुत छोटा होने वाला है।

वोटिंग प्रक्रिया में शामिल नेता और सांसद

मेयर चुनाव के दौरान दिल्ली के 6 लोकसभा सांसदों ने मतदान किया। इनमें प्रवीण खंडेलवाल, योगेंद्र चंदौलिया, हर्ष मल्होत्रा, बांसुरी स्वराज, कमलजीत सहरावत और रामवीर सिंह बिधूड़ी शामिल हैं। हालांकि, मनोज तिवारी और AAP की सांसद स्वाति मालीवाल ने मतदान में भाग नहीं लिया। इसके अतिरिक्त, 14 विधायक भी वोट डाले।

सत्य शर्मा को पीठासीन अधिकारी बनाए जाने पर विवाद

बीजेपी पार्षद सत्या शर्मा को फिर से पीठासीन अधिकारी नियुक्त किया गया, जिस पर AAP ने विरोध जताया। मतदान से पहले सत्या शर्मा ने सभी पार्षदों को मोबाइल जमा कराने का आदेश दिया, और चेतावनी दी कि अगर किसी के पास मोबाइल पाया गया, तो उसका वोट अवैध माना जाएगा।

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