Delhi Vidhan Sabha Session: आज दिल्ली विधानसभा सत्र का दूसरा दिन, कैग रिपोर्ट होगी पेश, आप सरकार के कार्यकाल पर उठेंगे सवाल

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दिल्ली विधानसभा के मौजूदा सत्र के दूसरे दिन भाजपा सरकार ने पिछली आप सरकार के कार्यकाल की 14 लंबित कैग रिपोर्ट पेश करने का निर्णय लिया है। इन रिपोर्टों में आबकारी नीति, मुख्यमंत्री आवास पुनर्निर्माण, यमुना प्रदूषण, वायु प्रदूषण, सार्वजनिक स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचा और दिल्ली परिवहन निगम के कामकाज की समीक्षा शामिल हैं।  

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा में आज, मंगलवार को भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की 14 लंबित रिपोर्टें पेश कीं। ये रिपोर्टें 2017-18 से 2021-22 तक की अवधि से संबंधित हैं और दिल्ली सरकार के विभिन्न विभागों के ऑडिट पर आधारित हैं। उपराज्यपाल के अभिभाषण के बाद इन रिपोर्टों को सदन के पटल पर रखा गया। भाजपा विधायकों ने पहले आप सरकार पर इन रिपोर्टों को दबाने का आरोप लगाया था और इन्हें विधानसभा में पेश करने के लिए विशेष सत्र बुलाने की मांग की थी। 

भाजपा का आरोप: जानबूझकर रोकी गई रिपोर्ट

भाजपा का दावा है कि आम आदमी पार्टी सरकार ने इन रिपोर्टों को रोककर रखा था ताकि संभावित वित्तीय अनियमितताओं को छिपाया जा सके। विधानसभा चुनावों के दौरान इन रिपोर्टों को जारी करने की मांग जोर पकड़ रही थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई भाजपा नेताओं ने सत्ता में आने पर इन रिपोर्टों को सार्वजनिक करने की बात कही थी।

मुख्यमंत्री आवास पुनर्निर्माण पर विवाद

रिपोर्ट में एक प्रमुख मुद्दा मुख्यमंत्री आवास के जीर्णोद्धार से जुड़ा हुआ है, जिसे भाजपा ने 'शीशमहल' करार दिया है। प्रारंभ में 2020 में इस परियोजना के लिए 7.61 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए थे, लेकिन 2022 तक इसकी लागत बढ़कर 33.66 करोड़ रुपये हो गई, यानी 342% की बढ़ोतरी। भाजपा और कांग्रेस दोनों ने इस मुद्दे पर केजरीवाल सरकार को घेरा और सार्वजनिक धन के दुरुपयोग का आरोप लगाया।

विधानसभा में गरमाया माहौल

भाजपा सरकार ने उपराज्यपाल के अभिभाषण के बाद इन रिपोर्टों को पेश करने की तैयारी कर ली है। विपक्षी दलों की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया की उम्मीद है, खासकर जब रिपोर्ट में कई वित्तीय और प्रशासनिक खामियों को उजागर किया गया है। विश्लेषकों का मानना है कि इन रिपोर्टों के सार्वजनिक होने के बाद दिल्ली की राजनीति में बड़ा बदलाव आ सकता हैं।

रिपोर्ट में किए गए खुलासों के आधार पर आप सरकार के पूर्व मंत्रियों और अधिकारियों के खिलाफ जांच की संभावनाएं भी बन सकती हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि विपक्ष इन खुलासों पर क्या रुख अपनाता है और आम आदमी पार्टी की प्रतिक्रिया क्या रहती हैं।

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