Haryana News: हरियाणा सरकार का बड़ा कदम, अनुसूचित जाति सूची में बदलाव की तैयारी, तीन जातियों के नाम हटाने का प्रस्ताव केंद्र को भेजा

Haryana News: हरियाणा सरकार का बड़ा कदम, अनुसूचित जाति सूची में बदलाव की तैयारी, तीन जातियों के नाम हटाने का प्रस्ताव केंद्र को भेजा
Last Updated: 5 घंटा पहले

हरियाणा सरकार ने चुरा, भंगी और मोची जातियों के नाम SC सूची से हटाने का प्रस्ताव केंद्र को भेजा है। इससे देशभर में अनुसूचित जाति सूची पर असर पड़ेगा, उद्देश्य समानता बढ़ाना है।

Haryana: हरियाणा सरकार ने अनुसूचित जाति (SC) सूची में बदलाव के लिए केंद्र सरकार को पत्र भेजा है। इस पत्र में तीन जातियों- चुरा, भंगी और मोची - के नामों को सूची से हटाने की मांग की गई है। यह कदम सामाजिक न्याय और समानता की दिशा में उठाया गया है, क्योंकि इन जाति नामों को समाज में आपत्तिजनक और नकारात्मक रूप से इस्तेमाल किया जा रहा था। इसके लिए केंद्र सरकार को संशोधन की आवश्यकता होगी और यह पूरे देश में लागू होगा।

तीन जातियों के नामों को हटाने की मांग

हरियाणा सरकार ने अनुसूचित जाति सूची में शामिल जातियों की समीक्षा की, जिसमें चुरा, भंगी और मोची जातियों के नाम हटाने की मांग की गई है। इन जातियों के नाम लंबे समय से गाली के रूप में इस्तेमाल हो रहे थे, जिससे सामाजिक तनाव बढ़ने का खतरा था। इन जातियों के नाम सामाजिक समूहों से जुड़े पारंपरिक व्यवसायों से जुड़े हुए थे, लेकिन अब इनका नकारात्मक अर्थ बन चुका है।

केंद्र को भेजा पत्र

हरियाणा सरकार ने 12 साल बाद यह पत्र केंद्र को भेजा है, जबकि 2013 में भी पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के कार्यकाल में ऐसा पत्र भेजा गया था। हालांकि, उस पत्र के बारे में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई थी। अब हरियाणा सरकार की नई पहल पर केंद्र सरकार से प्रतिक्रिया की उम्मीद जताई जा रही है।

पारंपरिक व्यवसायों से जुड़े नामों की समीक्षा

हरियाणा सरकार का कहना है कि चुरा, भंगी और मोची नाम पारंपरिक व्यवसायों से जुड़े हैं, लेकिन इनका इस्तेमाल सामाजिक भेदभाव और पूर्वाग्रहों के रूप में किया जाता है। ये नाम समाज में जातिगत भेदभाव को बढ़ावा देते हैं और समाज में तनाव का कारण बन सकते हैं। इस वजह से सरकार ने इन नामों को सूची से हटाने की सिफारिश की है।

कानूनी बदलाव की आवश्यकता

हरियाणा सरकार ने केंद्र को यह भी बताया है कि इन नामों को हटाने के लिए 1950 के अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अधिनियम में संशोधन करना होगा। इस संशोधन के बाद ही सूची से इन जातियों के नाम हटाए जा सकते हैं, जैसा कि पहले भी एससी और एसटी की सूची में बदलाव के लिए किया गया था।

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