Jagannath Temple: पुरी जगन्नाथ के 12वीं सदी के रत्न भंडार की होगी मरम्मत, ASI को सौंपा जिम्मा

Jagannath Temple: पुरी जगन्नाथ के 12वीं सदी के रत्न भंडार की होगी मरम्मत,  ASI को सौंपा जिम्मा
Last Updated: 2 घंटा पहले

पुरी जगन्नाथ मंदिर प्रशासन ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) से 12वीं सदी के मंदिर के रत्न भंडार की मरम्मत, संरक्षण और रखरखाव कार्य तुरंत आरंभ करने की अपील की है, ताकि इसका उचित संरक्षण सुनिश्चित किया जा सके।

Puri Jagannath Temple: पुरी जगन्नाथ मंदिर प्रशासन ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) से 12वीं सदी के ऐतिहासिक मंदिर के रत्न भंडार की मरम्मत, रखरखाव और संरक्षण कार्य तुरंत शुरू करने का आग्रह किया है। मंदिर प्रशासन ने ASI से अपील की है कि रत्न भंडार में हुई क्षति को जल्दी ठीक किया जाए ताकि यह संरचना सुरक्षित रहे और भविष्य में कोई गंभीर समस्या न आए। यह मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसकी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर भी बेहद महत्वपूर्ण है। इसलिए, रत्न भंडार की मरम्मत और इसके संरक्षंण कार्य के लिए विशेषज्ञों की टीम की जरूरत महसूस की जा रही है।

ASI को पूरा सहयोग देने का आश्वासन

मंदिर के मुख्य प्रशासक अरबिंद पधी ने कहा है कि पुरी जगन्नाथ मंदिर प्रशासन ASI के साथ पूरी तरह से सहयोग करेगा और रत्न भंडार की मरम्मत और संरक्षंण कार्य में हर संभव मदद प्रदान करेगा। अरबिंद पधी ने यह भी बताया कि ASI द्वारा किए गए जीपीआर-जीपीएस सर्वेक्षण की रिपोर्ट प्राप्त हो गई है, जिससे मरम्मत के लिए दिशा-निर्देश स्पष्ट हो गए हैं। 

सर्वेक्षण रिपोर्ट में नुकसान के संकेत

ASI द्वारा तैयार की गई 45 पन्नों की रिपोर्ट में रत्न भंडार के फर्श और दीवारों में कुछ स्थानों पर क्षति के संकेत पाए गए हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, इन हिस्सों में मरम्मत की आवश्यकता है, ताकि संरचना मजबूत बनी रहे और भविष्य में कोई और नुकसान न हो। इसके अलावा, रिपोर्ट में कुछ तकनीकी पहलुओं को लेकर सावधानी बरतने की आवश्यकता भी बताई गई है, जिनका अध्ययन और विश्लेषण करना अब जरूरी हो गया है।

नवीनतम तकनीकों के साथ मरम्मत कार्य

मंदिर प्रशासन ने मरम्मत और संरक्षण के लिए नवीनतम तकनीकी विधियों का उपयोग करने की सिफारिश की है। ASI के द्वारा किए गए जीपीआर-जीपीएस सर्वेक्षण ने रत्न भंडार की संरचना के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की है, जिससे मरम्मत कार्य की योजना को सही दिशा मिल सकेगी। यह विधियां रत्न भंडार के अंदर की जटिल संरचनाओं और उपकरणों को सुरक्षित रखने के लिए जरूरी हैं। 

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