झारखंड प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी गुलाम अहमद मीर के इस बयान ने राज्य की सियासत में हलचल मचा दी है। मीर ने कहा कि अगर आगामी चुनावों में कांग्रेस 25-30 सीटें जीतने में कामयाब होती है, तो पार्टी अपना मुख्यमंत्री बनाने की कोशिश करेगी। इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि अगर कांग्रेस को और अधिक सीटें मिलती हैं, तो वे रोटेशनल मुख्यमंत्री के लिए भी प्रयास करेंगे।
रांची: झारखंड प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी गुलाम अहमद मीर के बयान ने राज्य की सियासी तापमान को फिर से बढ़ा दिया है। मीर का कहना कि अगर कांग्रेस को 25-30 सीटें मिलती हैं, तो पार्टी अपना मुख्यमंत्री बनाने की कोशिश करेगी, झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के लिए चिंता का विषय बन सकता हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि 10-12 सीटों से कोई फायदा नहीं होगा, लेकिन अगर कांग्रेस को अधिक सीटें मिलती हैं, तो रोटेशनल मुख्यमंत्री के लिए भी पार्टी प्रयास करेगी।
इस बयान से यह संकेत मिलता है कि कांग्रेस अब गठबंधन में खुद को एक प्रमुख भूमिका में देख रही है और पार्टी कार्यकर्ताओं पर चुनावी सफलता की जिम्मेदारी डाल रही हैं। इस बयान से झामुमो और कांग्रेस के बीच संभावित तनाव की स्थिति बन सकती है, क्योंकि मुख्यमंत्री पद के लिए कांग्रेस की दावेदारी मौजूदा समीकरणों को बदल सकती है। हेमंत सोरेन और झामुमो इस बयान से असहज महसूस कर सकते हैं, जिससे गठबंधन के भविष्य पर सवाल उठ सकता हैं।
कांग्रेस के प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने क्या कहा?
झारखंड प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी गुलाम अहमद मीर द्वारा दिए गए बयान के बाद प्रदेश की राजनीति में हलचल बढ़ गई है। मीर ने कहा कि कांग्रेस में कई स्तरों से मांग उठ रही है कि पार्टी का भी मुख्यमंत्री होना चाहिए, लेकिन यह तभी संभव होगा जब कांग्रेस को पर्याप्त सीटें मिलें। उन्होंने पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे अधिक से अधिक उम्मीदवारों को जिताने पर ध्यान केंद्रित करें, ताकि कांग्रेस को मजबूत स्थिति में लाया जा सके।
हालांकि, बाद में कांग्रेस विधायक दल के नेता डॉ. रामेश्वर उरांव ने स्पष्ट किया कि यह बयान कार्यकर्ताओं में उत्साह और जोश भरने के उद्देश्य से दिया गया था। इसका मतलब यह है कि यह बयान आंतरिक रूप से पार्टी को प्रोत्साहित करने के लिए था, न कि गठबंधन में दरार डालने के लिए। इसके बावजूद, यह बयान झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के लिए राजनीतिक रूप से संवेदनशील हो सकता है और गठबंधन में असहजता पैदा कर सकता हैं।
झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस नेताओ की अहम बैठक
झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर प्रदेश कांग्रेस ने अपने कार्यकर्ताओं के साथ संवाद कार्यक्रम आयोजित किया, जिसमें पार्टी को मजबूती देने और आगामी चुनावों में सफलता हासिल करने के लिए विचार-विमर्श
हुआ। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में झारखंड कांग्रेस के प्रभारी गुलाम अहमद मीर, छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, सह प्रभारी सप्तगिरि उलका और डॉ. बाला प्रसाद ने हिस्सा लिया। इन नेताओं ने पार्टी कार्यकर्ताओं को चुनावी रणनीति और संगठन की मजबूती पर प्रेरणादायक बातें कहीं।
कार्यक्रम में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो कमलेश, मंत्री रामेश्वर उरांव, कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने भी अपने विचार साझा किए। कांके विधानसभा क्षेत्र से इंदिरा देवी डेलीगेट समेत कई प्रमुख कार्यकर्ता, जैसे जाकिर अंसारी, सुमन देवी, अनिता देवी, गुलजार अहमद, मदन महतो, संजर खान और रीता चौधरी, भी कार्यक्रम में मौजूद थे।